ई-कार्ट से उनका समय बचेगा। निश्चित तापमान पर रहने से सब्जियां जल्दी खराब नहीं होंगी। योजना पहले प्रदेश के चारों बड़े शहरों में लागू होंगी। हितग्राहियों से वाहन लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगवाए जाएंगे। उनका सब्जी बेचने का काम पुश्तैनी होना जरूरी है।
मालूम हो कि ई-कार्ट के बाजार में बहुत सारे विकल्प हैं। इनमें से उस फर्म या कंपनी के वाहन को फाइनल किया जाएगा, जो भारत सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से आदर्श होगा। इसके अलावा अनिवार्य शर्त यह भी है कि कंपनी को मध्य प्रदेश कृषि अभियांत्रिकी विभाग में पंजीकृत होना चाहिए।
इसके साथ ही सब्जी विक्रय संबंधित का पुश्तैनी काम होना जरूरी है तो एक हलफनामा देना होगा कि वे ई-कार्ट का उपयोग सवारी या लोडिंग वाहन जैसे किसी अन्य कार्य में नहीं करेंगे।
केंद्र से मिल चुकी है स्वीकृति
केंद्र सरकार ने वेंडर कार्ट ( शीत कक्ष सहित चलित विक्रय ठेला ) की मंजूरी दी है। अब राज्य का उद्यानिकी विभाग नीति बनाएगा। इसके लिए बैठकों का दौर जारी है। केंद्र की गाइडलाइन के हिसाब से सब्जी विक्रेता को वेंडर यानी ई-कार्ट के लिए अधिकतम 30 हजार का 50% तक अनुदान मिलेगा। बता दें, ई-कार्ट के बाजार में कई विकल्प हैं। जिस फर्म की गाड़ी केंद्र सरकार की मानक के अनुसार होगी, वही तय होगी।
– कमल एस किराड़, अपर संचालक, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग