सीहोर के कुबेर धाम में चल रहे रुद्राक्ष महोत्सव के तीसरे दिन भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। इंदौर और भोपाल राजमार्ग जाम पड़ा हुआ है। लोगों को छोटे और दूसरे रास्तों से सफर तय करना पड़ रहा है। ज्यादातर श्रद्धालु बदइंतजामी के बाद यहां से जा चुके हैं, फिर भी करीब दो लाख श्रद्धालु अभी यहीं हैं। प्रशासन की समझाइश के बाद यहां रुद्राक्ष वितरण बंद कर दिया गया था। दो दिन में यहां मरने वालों की संख्या तीन हो गई। शुक्रवार को एक महिला और तीन साल के बच्चे की मौत हो गई।
क्या प्रशासन जिम्मेदार नहीं?
सवाल प्रशासन पर भी उठ रहे हैं। आखिर इतने बड़े आयोजन में भीड़ और इंतजाम को लेकर उनकी क्या तैयारी थी। उन्होंने आयोजकों को इतने बड़े कार्यक्रम की अनुमति देने से पहले इंतजाम देखे थे। जबकि पिछले साल भी ऐसे हालात बने थे, जिसके कारण कलेक्टर और एसपी को हटा दिया गया था। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने जिम्मेदारी लेने के बजाय ज्ञान जरूर दिया है। उन्होंने कहा, इस तरह के कार्यक्रम को वैज्ञानिक तरीके से प्लान किया जाना चाहिए। एक महीने पहले 10 मोबाइल नंबर जारी करके पूरे देश से आने वाले श्रद्धालुओं का प्राथमिक पंजीयन कराना चाहिए, ताकि समिति और प्रशासन दोनों के सामने आने वाले श्रद्धालुओं की एक अनुमानित संख्या हो। तब इसके आधार पर पार्किंग, भोजन, मेडिकल, सड़क अदि व्यवस्थाएं जुटाने में मदद मिलेगी। जहां तक इस बार की अव्यवस्था का सवाल है तो श्रद्धालुओं की वास्तविक संख्या को अनुमान किसी के पास नहीं था। हालांकि वह प्रशासन और खुद की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ गए।