खातों में करोड़ों रुपए जमा किए गए
भोपाल में ही सहकारी बैंकों की 24 शाखाओं में नकली नाम से खाते खोलकर और डेड पड़े खातों में करोड़ों रुपए जमा किए गए हैं। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि यह पैसा मुंबई के कुछ अपराधियों को भेजे गए हैं।
संदिग्ध शाखाओं से रिकॉर्ड तलब
एसटीएफ ने इन बैंकों की पड़ताल के लिए भोपाल में एसपी राजेश भदौरिया, इंदौर में एसपी गीतेश शर्मा, जबलपुर में एसपी विनय प्रकाश पॉल और ग्वालियर क्षेत्र की जांच के लिए एसपी अमित सिंह के निर्देशन में टीम बनाकर संदिग्ध शाखाओं से रिकॉर्ड तलब करना शुरु कर दिया। भोपाल के कुछ बैंकों/शाखाओं ने जो रिकॉर्ड दिया हैं, उनमें यह पाया गया हैं कि नोटबंदी के समय पैसे जमा करने के लिए फर्जी खाते खोले गए हैं, जिनमें एकमुश्त और अलग-अलग समय में करोड़ों रुपए जमा किए गए।
रसूखदारों का पता लगा रही एसटीएफ
वहीं, कुछ ऐसे भी खाते मिले हैं, जो सालों से बंद पड़े थे लेकिन उनमें 50 हजार से लेकर 50 लाख रुपए तक रुपए जमा किए गए। एसटीएफ ऐसे खाता धारकों और उनसे संबंध रखने वाले रसूखदारों का पता लगा रही है।
आंकड़ा कई गुना बढ़ सकता है
बताया जा रहा है कि सबसे अधिक पैसे भोपाल, सागर और ग्वालियर क्षेत्रों के सहकारी बैंकों में जमा हुए हैं। इसमें सागर और ग्वालियर क्षेत्र के भाजपा के कुछ नेताओं के नाम भी एसटीएफ को मिले हैं, जिन्होंने करोड़ों रुपए जमा किए। प्राथमिक जांच में अब तक 110 करोड़ रुपए जमा होने की जानकारी मिली है। जांच के बाद यह आंकड़ा कई गुना बढ़ सकता है।
आयकर, ईडी की ली जाएगी मदद
नकली नामों, फर्जी खातों से जमा किए गए पैसों का हिसाब आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय से भी शेयर किया जाएगा। सबसे गंभीर बात यह सामने आ रही है कि मुंबई के कुछ अपराधियों को यह कालाधन दिया गया है। इसके कारण प्रवर्तन निदेशालय की भी मदद ली जा सकती है।
नोटबंदी के समय सहकारी बैंकों में पुराने नोट जमा करने को लेकर सूचना मिल रही थी। भोपाल, ग्वालियर और सागर जिलों की जांच शुरु कर दी है। यह जिले प्राथमिकता में हैं। करोड़ों रुपए जमा किए गए हैं। बैंकों से रिकॉर्ड लिया गया है, जिनकी पड़ताल की जा रही है। एक आदमी ने कितने बार ट्रांजेक्शन किए इसका टेबुलेशन किया जा रहा है।
डॉ अशोक अवस्थी, एडीजी, एसटीएफ