डिजिटल बैंकिंग होगी आसान
डिजिटल बैंकिंग में सुधार और बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है। RBI का कहना है कि रिटेल डिजिटल ट्रांजेक्शन सालाना 60 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। अक्तूबर 2018 से सितंबर 2019 के बीच यह औसतन 2846 करोड़ रुपये रहा है। इस दौरान कुल 302 लाख करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन हुए हैं। ग्रोथ बढ़ने के कारण ही ये फैसला लिया गया है।
जुलाई में लिया था फैसला
हाल में RBI ने NEFT और RTGS पर किसी तरह का शुल्क नहीं लेने का निर्देश दिया था। हालांकि, IMPS पर अब भी बैंकों की ओर से शुल्क लिया जाता है। IMPS के जरिए छोटी राशि का ही हस्तानांतरण होता है। इस सुविधा के जरिए आप किसी भी बैंक खाते में तुरंत पैसे भेज सकते हैं। वहीं, NEFT के जरिए दो लाख रुपये तक की राशि को ट्रांसफर किया जा सकता है। वहीं, RTGS के जरिए बड़ी राशि ट्रांसफर की जाती है।
क्या है NEFT
NEFT का पूरा नाम है National Electronic Funds Transfer है। यह एक तरीका है, जो किसी भी बैंक के माध्यम से किसी दूसरे बैंक में खाता धारक को पैसे भेजने काम करता है। यह सुविधा नवम्बर 2005 को शुरू की गई थी और आज के समय में करीब करीब हर राष्ट्रीय स्तर के बैंक में इस सुविधा का लाभ आप ले सकते है।