हर चैप्टर को लिख-लिखकर याद करें
कॉमर्स के प्रोफेसर पवन मिश्रा ने बताया कि सीयूईटी का एग्जाम बच्चों के लिए नया है। इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि पेपर पैटर्न को समझें। उसके बाद सिलेबस से तैयारी करें। हर चैप्टर की तैयारी के लिए स्टडी का शेड्यूल तैयार करें। सभी विषयों को समान समय दें। जो चैप्टर ज्यादा टफ लगे उस पर ज्यादा मेहनत करें। मॉक टेस्ट दें। याद करने के बाद आंसर को एक बार लिखकर जरूर देखें। सभी विषयों की प्राथमिकता तय करें। इसके अलावा बच्चे अगर एनसीईआरटी के बुक्स से तैयारी करेंगे तो एग्जाम को क्रैक करना आसान होगा।
फियर और फोबिया को भगाएं दूर
करियर काउंसलर शिखा रस्तोगी ने बताया कि सीयूईटी इंट्रेंस को लेकर स्टूडेंट्स में अवेयरनेस की कमी है। बच्चों को अभी तक यह जानकारी नहीं है कि पेपर पैटर्न क्या होगा। पहले वेबसाइड पर जाकर पैटर्न की पूरी जानकारी हासिल लें, फिर तैयारियां शुरू करें।
लास्ट ईयर के पेपर को देखकर टाइम टेबल बनाएं। लेंदी प्रश्न और करेंट अफेयर पर ध्यान दें। साथ ही अपने अंदर कॉन्फिडेंस डेवलप करें। फीयर और फोबिया में न रहें। सबकी कैचिंग पावर और कैपेसिटी अलग-अलग होती है। इस वजह से अपने हिसाब से ही पढ़ाई का शेड्यूल बनाएं।
पिछले साल का रिव्यू देखें, घर में एग्जाम रूम का माहौल बनाएं
हिस्ट्री की प्रोफेसर डॉ. संजना शर्मा बताती हैं कि स्टूडेंट के पास तैयारी के लिए सिर्फ एक महीने का समय है। इसलिए उन्हें कोचिंग भागने की जरूरत नहीं है। बिना कोचिंग जाए भी सीयूईटी का एग्जाम क्रैक कर सकते हैं। पिछले साल के सैंपल पेपर से तैयारी करें। ताकि स्पीड और एक्यूरेसी का पता चल सके। इसके अलावा एप्टीट्यूड टेस्ट जनरल अवेयरनेस के लिए एनटीए का सिलेबस देखें। पिछले साल के रिव्यू से स्टडी करेंगे तो आसान रहेगा। इसके अलावा लास्ट ईयर के पेपर को पढ़ें और सॉल्व करें। साथ ही किसी भी प्रश्न का उत्तर लिखने से पहले उसे दो बार पढ़े लें, उसके बाद ही उत्तर लिखें। क्योंकि कई बार स्टूडेंट जल्दी में इसे समझ ही नहीं पाते और उत्तर गलत लिख देते हैं।