National Mango Day: यहां मिलते हैं दुनिया के सबसे महंगे, वजनदार और स्वादिष्ट आम
National Mango Day: दुनिया भर के आम एक जगह, देश ही नहीं विदेशी आम की किस्मों का भी एमपी में है प्रोडक्शन, दुर्लभ से लेकर खास आमों की मिठास घोलते आम इंटरनेशनल बाजार में बड़ी डिमांड, जीआई टैग से लेकर डाक टिकट तक पर एमपी के स्वादिष्ट आमों की छाप
National Mango Day 2024: गर्मी का सीजन आते ही आम का स्वाद हर घर की जरूरत बन जाता है। बच्चे-बड़े और बुजुर्ग हर कोई अपनी पसंद की वैरायटी का आम खाना पसंद करता है। नेशनल मैंगो डे (National Mango Day) पर हम आपको बता रहे हैं मध्य प्रदेश के उन खास आमों के बारे में जिनकी दुनिया भर में रहती है चर्चा…
क्या आपने सुना है दुनिया के सबसे महंगे आम का नाम, या आम के किसी बाग की रखवाली खूंखार कुत्ते कर रहे हैं? क्या आप जानते हैं दुनिया का सबसे वजनदार आम कहां पाया जाता है? अगर आपको इन सवालों के जवाब पता हैं तो आप खुशकिस्मत हैं, लेकिन अगर आप कहेंगे No, तो mp patrika.com पर आज पढ़ें एमपी के खास आमों की रियल और इंट्रेस्टिंग कहानी…
पहले जानें क्यों मनाया जाता है National Mango Day
भारत का राष्ट्रीय फल आम करीब पांच हजार साल से अधिक वर्षों से लोगों की पहली पसंद है। भारत में आम सिर्फ फल नहीं है, बल्कि यह लोगों की आस्था से भी जुड़ा है। यही कारण है कि राष्ट्रीय आम दिवस की शुरुआत भारत में 22 जुलाई 1950 से हुई। इसकी प्रसिद्धि देख अमरीका के राष्ट्रीय आम बोर्ड ने भी इसको मान्यता दे दी। भारत आम उत्पादन में विश्व में पहले नंबर पर है। और आज 22 जुलाई सोमवार को नेशनल मैंगो डे है।
दुनिया का सबसे वजदार आम (heaviest mango of the world)
कोलंबियाई किसान जर्मन ऑरलैंडो नोवोआ बरेरा और रीना मारिया मार्रोक्विन ने कोलंबिया के गुआयाटा में बोयाका क्षेत्र के सैन मार्टिन फार्म में दुनिया का सबसे भारी आम उगाकर रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाबी हासिल की थी। इस आम का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में भी दर्ज है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश के नूरजहां आम ने इसका भी रिकॉर्ड तोड़ रखा है।
दरअसल कोलंबियाई किसान के नाम दर्ज दुनिया के सबसे भारी-भरकम आम का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तब दर्ज है जब उसका वजन 4.250 किलोग्राम था। लेकिन मध्य प्रदेश में उगाया जाने वाला नूरजहां आम 2.500 ग्राम से लेकर 5 किलोग्राम तक वजदार होता है। भले ही गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड कोलंबियाई किसान के नाम हो, लेकिन एमपी का ये आम 5 किलोग्राम तक वजनदार होता है, जिसका अपना रिकॉर्ड है।
10-12 फीट का होता ये आम(biggest mango of the world)
वहीं दुनिया के सबसे बड़े आकार के आम में भी इसका नाम शामिल है, क्योंकि इसकी ऊंचाई 10 से 12 फीट तक होती है। एमपी के इस खास आम नूरजहां की खेती अलीराजपुर (Alirajpur) में की जाती है। ये आम पिछले 2 साल से एमपी की राजधानी भोपाल में लगने वाले मैंगो फेस्टिवल की केवल शोभा बढ़ाता रहा है, लेकिन इस बार इसे इस मैंगो फेस्टिवल 2024 में 1200 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बेचा भी गया। कट्ठीवाड़ा इलाके में नूरजहां आम का उत्पादन किया जाता है। अफसोस ये कि अब देशभर में इस आम के केवल 3 पेड़ ही बचे हैं।
नूरजहां की कहानी बड़ी रोचक (Noorjahan Mango Interesting Story)
कहा जाता है कि मुगल काल के दौरान अफगानिस्तान में सबसे पहले नूरजहां आम की पैदावार 15 वीं शताब्दी में की गई। मुगल रानी नूरजहां के नाम पर इस आम का नाम भी नूरजहां रखा गया। कहा जाता है कि ये आम नूरजहां को बेहद पसंद था।
दुनिया का सबसे महंगा आम (Most Expensive Mango of the World )
जापान के मियाजाकी एमपी की संस्शकारधानी जबलपुर (Jabalpur)में उगाए जाने के कारण इस आम को मियाजाकी (Miyazaki Mango) नाम दिया गया। मध्य प्रदेश में इस आम का उत्पादन संकल्प सिंह करते हैं। ये आम 900 ग्राम का होता है। इसका रंग गहरा लाल होने के कारण इस ड्रैगन का अंडा (Dragon’s Egg) भी कहा जाता है।
इस आम की खासियत ये भी है कि इसकी सुरक्षा के लिए 24 घंटे गार्ड और खुंखार कुत्ते तैनात रहते हैं। संकल्प सिंह बताते हैं कि इस आम को खाने के फायदे बहुत हैं। इसमें रेशे नहीं पाए जाते। इस आम का वैज्ञानिक नाम ‘ताइयो नो तमागो’ है। संकल्प सिंह ने 2013 में बागवानी की शुरुआत की थी। उसके बाद उन्होंने आम की खेती पर ध्यान केंद्रित किया, वर्तमान में उनके बागों में 24 से अधिक किस्मों के पेड़ हैं।
6 डॉग और 3 सुरक्षा गार्ड करते हैं आम की सुरक्षा
संकल्प सिंह ने बताया कि उन्हें यात्रा के दौरान जापान की ‘ताइयो नो तमागो’ किस्म का एक पेड़ मिला था। ताइयो नो तमागो आम की किस्म दिखने में भी आकर्षक है। संकल्प बताते हैं कि उन्होंने बाबा महाकाल (Mahakal) को पहला फल अर्पित किया था।
इस आम को देखने दूर-दूर से आते हैं लोग
संकल्प बताते हैं कि इस आम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मेरे बगीचे में आते हैं। संकल्प कहते हैं कि रात के समय चोरों से इस आम को बचाना मेरे लिए मुश्किल काम था। इसलिए मैंने रात में 12 कुत्तों को पहरा देने के लिए रखा था। लेकिन अब मैंने दिन में सुरक्षा गार्ड रख लिए हैं। वर्तमान में 6 कुत्ते और 3 गार्ड इस दुनिया के इस सबसे महंगे आम के बाग की रखवाली करते हैं। इसके बावजूद आम चोरी होने का डर बना रहता है।
शुगर फ्री आम भी है खास (sugar free mango variety Sundarja)
सबसे बड़े, सबसे महंगे आम के साथ ही इस सीजन में आम की शुगर फ्री किस्म भी चर्चा में आई। मध्य प्रदेश के खास आमों में से एक शुगर फ्री आम (Sugar Free Mango) है और इसका नाम है सुंदरजा। सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इस आम की खासियत ये भी है कि इसे लंबे समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है।
इस आम पर जारी हो चुका है डाक टिकट
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस आम पर डाक टिकट भी जारी हो चुका है। वहीं दिल्ली में आयोजित मेले में ये आम पुरस्कृत भी किया जा चुका है। रीवा (Rewa) जिले में गोविंदगढ़ और उसके आस-पास प्रमुख रूप से इसका उत्पादन किया जाता है। इस आम को रीवा जिले की एक जिला एक उत्पाद योजना में भी शामिल किया गया है।
मध्य प्रदेश के इस खास आम की किस्म को जीआई टैगिंग भी दी गई है। जिसके बाद विंध्य के एक खास इलाके कैमोर वैली में पाया जाने वाला ये आम आम दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुका है। अरब, कुवैत, दुबई सहित मध्य पूर्व एशिया के कई देशों तक इनकी मांग साल-दर साल बढ़ती जा रही है।
रियासतकालीन है सुंदरजा आम का बगीचा
बताया जाता है कि रीवा (Rewa) रियासत के महाराज रघुराज सिंह ने गोविंदगढ़ में आम की इस खास किस्म सुंदरजा का बगीचा लगाया था। इस आम की खासियत ये है कि इसे खाने के बाद भी इसकी खूशबू आम के शौकीनों को खुश बनाए रखती है। इसका वजन 500 ग्राम तक होता है। शुगर फ्री होने के कारण इसे शुगर के मरीज भी खा सकते हैं। इससे शुगर लेवल नहीं बढ़ेगा।
अफगानिस्तान की खास प्रजाति आम्रपाली और मल्लिका सबसे पौष्टिक
एमपी के खास आमों में से एक है आम्रपाली और एक है मल्लिका। आम्रपाली संकर प्रजाती के आम मल्लिका से विकसित की गई है। इसका खट्टा-मीठा स्वाद इसे आम खाने के शौकीन लोगों के लिए खास बना देता है। आम्रपाली को खाने वाले लोग देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी हैं।
इस आम की खासियत ये है कि इसमें अन्य आमों के मुकाबले दो से ढाई गुना तक ज्यादा मात्रा में विटामिन्स पाए जाते हैं। ऐसे में जिन लोगों को विटामिन की कमी हो या रतौंधी जैसा रोग हो, तो उनके लिए ये आम बेहद फायदेमंद है।
पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने आम की इस फसल आम्रपाली के साथ ही पूसा लालिमा, पूसा अरुणिमा को भी विकसित किया है। लाल और चटखदार रंगों के कारण ये आम इतने सुंदर दिखते हैं कि देखते ही इन्हें खाने का मन करता है। यही स्थिति मध्य प्रदेश के खास आम मल्लिका आम की है।
आम की ये किस्में भी MP की शान (Mango Varieties of MP)
मध्यप्रदेश की जलवायु को आम के फलों के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है। यही कारण है कि यहां खास किस्म के 5-7 नहीं बल्कि देशी और विदेशी किस्मों के आमों के उत्पादन भी एमपी में आसानी किया जा सकता है। महाराष्ट्र या दक्षिण भारत के राज्यों का फेमस अल्फांसो आम का भी एमपी में अच्छा-खासा उत्पादन किया जाता है।
इसके साथ ही मध्य प्रदेश में बांबे ग्रीन, उत्तरप्रदेश के मूल वाली लंगड़ा, दशहरी, चौंसा, मल्लिका, फजली, आम्रपाली जैसे किस्मों के आम का उत्पादन भी यहां होता है। बैतूल के तोतापुरी, धार जिले के विराट आम नेपाल, हिमसागर मालदा आम हिमाचल प्रदेश, फजली आम इलाहाबाद, लंगड़ा और दशहरी, रामकली लखनऊ, सम्राट परी आम गुजरात, अमृता मल्लिका आम, पंचवटी, कोकिला, हल्दीघाटी, काला पहाड़, सिंदूर, पराग, मलगोवा, रत्नागिरी, सिरौली, चारोली, खट्टा गोला और भी अन्य किस्मों के आम के बाग मध्य प्रदेश की शान बने हुए हैं।