आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार नर्मदा एक्सप्रेस-वे को फीडर रूट्स के जरिए प्रदेश के कई जिलों से जोड़ने जा रही है. इनमें भोपाल, इंदौर समेत सात जिलों के नाम शामिल हैं. इस बारे में कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया जाएगा.
906 किलोमीटर लंबाई वाले इस मार्ग से प्रदेश का अधिकांश हिस्सा कवर हो जाएगा. यह मार्ग मध्यप्रदेश के अमरकंटक से शुरू होकर गुजरात तक जाएगा. प्रदेश में बनने वाला नर्मदा एक्सप्रेस-वे अमरकंटक के कबीर चबूतरा से शुरू होगा. नर्मदा एक्सप्रेस-वे के अंतर्गत यह सड़क भारत माला परियोजना के तहत NHAI बनाएगी.
अमरकंटक से प्रारंभ होकर नर्मदा एक्सप्रेस वे झाबुआ जिले में गुजरात सीमा तक बनेगा. इस दौरान यह लंबा एक्सप्रेस वे डिंडोरी, जबलपुर, औबेदुल्लागंज, बुदनी, नसरुल्लागंज, संदलपुर, करनावद, इंदौर, धार, सरदारपुर से होकर गुजरेगा.
इधर मध्य प्रदेश में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का काम भी तेजी से चल रहा है. यह एक्सप्रेस वे प्रदेश के तीनों जिलों से गुजरेगा. मध्यप्रदेश में देश का यह सबसे लंबा नेशनल हाइवे झाबुआ में 50.5 किमी, रतलाम में 91.1 किमी और मंदसौर जिले में 102.8 किमी लंबा बनेगा. प्रदेश में इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई करीब 244 किमी है.
एक्सप्रेस-वे झाबुआ के तलावड़ा से महूड़ी का माल से रतलाम में प्रवेश करेगा. रावटी, सैलाना, पिपलौदा, व जावरा के कुम्हारी होकर मंदसौर के लसुड़िया से मंदसौर जिले में जाएगा. रतलाम जिले के 87 गांवों से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे होकर गुजरेगा. एक्सप्रेस-वे गरोठ में शामगढ़ रोड और भानपुरा में नीमथुर से प्रवेश कर सकेंगे. मंदसौर जिले से एक एंट्री सीतामऊ से भी मिलेगी.
यह एक्सप्रेस मध्य प्रदेश के खासतौर पर मालवा क्षेत्र में प्रगति के रास्ते भी खोलेगा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर गरोठ और जावरा में लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा. साथ ही बसई के पास की जमीन पर उद्योग लगाए जाएंगे. इसी तरह कई जगह कंटेनर जोन भी बनाए जा सकते हैं.