पीथमपुर में जहरीला कचरा जलाने MP हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, SC ने सुनवाई से किया इनकार
Bhopal Gas Disaster Toxic Waste in Pithampur: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने हाई कोर्ट में पेश किया शपथ पत्र, यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा पीथमपुर में जलेगा या नहीं इस पर कोर्ट ने दिया अहम फैसला, यहां पढ़ें पूरी खबर
bhopal gas disaster toxic waste in pithampur: मध्य प्रदेश के पीथमपुर में भोपाल गैस त्रासदी का जहरीला कचरा जलाने को लेकर एमपी हाई कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। हाई कोर्ट का कहना है कि जब तक सभी पक्ष सहमत नहीं होंगे, तब तक यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने की प्रक्रिया नहीं की जाएगी।
बता दें कि पीथमपुर में कचरा जलाने को लेकर मध्य प्रदेश सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा और कचरे को जलाने की प्रक्रिया रोकनी पड़ी। मामले को लेकर सोमवार की सुबह राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र पेश किया गया। शपथ पत्र पर हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए पीथमपुर में फिलहाल कचरा जलाने पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट का कहना है कि जब तक सभी पक्ष एक राय नहीं होंगे या अपनी सहमति नहीं देंगे तब तक यूनियन कार्बाइड का कचरा नहीं जलाया जाएगा।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 3 दिसंबर 2024 को आदेश दिया था कि इस रासायनिक कचरे को वैज्ञानिक विधि से नष्ट किया जाए। आज सोमवार 6 जनवरी को इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर में मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैथ की पीठ में सुनवाई हुई है।
वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने दिया सुझाव
वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने कहा कि सरकार को जनता को साथ लेकर चलना पड़ेगा उनकी भावनाओं को समझना पड़ेगा और हर जानकारी जनता को देनी होगी । उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार चाहे तो कुछ क्वांटिटी में टेस्ट कर सकती है। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि मीडिया भ्रामक जानकारी दे रही है। उसके चलते भारी जन विरोध है पीथमपुर में।
मोहन सरकार ने पेश किया शपथ पत्र
राज्य सरकार की ओर से मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने हाई कोर्ट में शपथ पत्र पेश किया। इस शपथ पत्र में जानकारी दी गई कि हाई कोर्ट के आदेशानुसार राज्य सरकार ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुलिस, डॉक्टर और प्रशिक्षित लोगों की टीम की निगरानी में कचरे को कंटेनर्स में पैक कर पीथमपुर पहुंचाया है। लेकिन रासायनिक कचरे को नष्ट किया जाता इससे पहले ही पीथमपुर के आसपास जनता ने कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की। इसकी वजह कुछ फर्जी अफवाहें और खबरें रहीं।
जनता को शांत करने मांगा 6 सप्ताह का समय
वहीं महाधिवक्ता शशांक सिंह ने हाई कोर्ट से प्रार्थना की कि राज्य सरकार पीथमपुर में जनता को शांत करने और समझाइश के लिए 6 सप्ताह का समय चाहती है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार की इस अर्जी को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को जनता को समझाइश देकर शांत करने के लिए 6 सप्ताह का समय दे दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।
कंटेनर खाली करने की भी मिली अनुमति
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कहा कि, अभी यह रासायनिक कचरा 12 कंटेनरों में भर कर रखा हुआ है। लेकिन इसे बहुत दिनों तक कंटेनर में नहीं रखा जा सकता। ऐसे में इन कंटेनरों को फैक्ट्री स्टोरेज में खाली करने की अनुमति दी जाए। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को इसके लिए भी अनुमति दे दी है।
वहीं इंदौर हाईकोर्ट बैंच में दाखिल याचिका पर डॉक्टर्स के बताए गए अहम बिंदुओं पर ध्यान रखने का सुझाव दिया। तो एक अन्य याचिका सूचीबद्घ नहीं हो सकी। इस पर आगामी दिनों में सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
यूनियन कार्बाइड का कचरा नष्ट करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने कहा कि यह मामला जब हाईकोर्ट में पहले से चल रहा है, तो हम इसे जनहित याचिका के रूप में नहीं सुन सकते।
अगर याचिकाकर्ता हाई कोर्ट के किसी आदेश से प्रभावित है तो वह उसे चुनौती दे सकता है। यदि ऐसा नहीं है तो वह आपनी बात हाईकोर्ट के समक्ष रख सकता है। इसके बाद इंदौर के याचिकाकर्ता विनय मिश्रा ने पीथमपुर में रासायनिक कचरा जलाने को लेकर दी याचिका वापस ले ली। इस याचिका में पीथमपुर में जहरीला कचरा जलाने पर रोक की मांग की गई थी। कहा गया कि इस फैसले से पहले पीथमपुर के लोगों से सलाह नहीं ली गई। रेडिएशन का खतरा हो सकता है, यहां मेडिकल फैसिलिटी भी नहीं है।
तीन स्टेप में पूरी होगी प्रक्रिया
भोपाल गैस पीड़ित संघ के वकील सीनियर एडवोकेट नमन नागरथ के मुताबिक हाई कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे को जलाने की प्रक्रिया के लिए तीन चरण तय किए थे। पहले चरण में रासायनिक कचरे को इंसुलेटर में जलाकर नष्ट करना, दूसरे चरण में फैक्ट्री डिसमेंटल करना और तीसरे चरण में जमीन के अंदर हुए नुकसान को ठीक करने की प्रक्रिया शामिल थी। पहले चरण के तहत भोपाल गैस त्रासदी का रासायनिक कचरा भोपाल से पीथमपुर पहुंचाया गया है।
कड़ी सुरक्षा में रामकी फैक्ट्री
बता दें कि सुनवाई के दौरान पीथमपुर स्थित रामकी एनवायरो फैक्ट्री के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। तारापुरा गांव में दो अस्थायी पुलिस चौकियां बनाई गई हैं। पुलिस गश्त लगातार की जा रही है। यहां वज्र वाहन और फायर फाइटर भी अलर्ट मोड पर हैं।
तीन दिन तक भड़की हिंसा
बता दें कि पीथमपुर में भोपाल गैस त्रासदी का कचरा जलाने को लेकर तीन दिन तक हिंसक प्रदर्शन का माहौल बना रहा। जिसे देखते हुए सरकार को पीछे हटना पड़ा। पहले से ही विरोध के बावजूद राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री परिसर से करीब 358 मीट्रिक टन जहरीला कचरा हाई कोर्ट गाइड लाइन को फॉलो करते हुए 12 कंटेनर में भरकर पीथमपुर भेजा गया। यह पूरा घटनाक्रम 1 जनवरी का है।
यहां तारापुर स्थित रामकी एनवायरो फैक्ट्री में इस कचरे को जलाया जाना है। लेकिन जहरीले कचरे को नष्ट करने के खिलाफ स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए। शहर बंद कर दिया गया। आत्मदाह की कोशिश में दो युवक झुलस गए। तो वहीं तीसरे दिन 4 जनवरी शनिवार को रामको एनवायरो फैक्ट्री पर पथराव किया गया। इस दौरान वहां खड़े पुलिस बल ने पथराव कर रही भीड़ को खदेड़ा। पथराव से पुलिस वाहनों के कांच टूट गए। प्रदर्शन करने वाले 100 से ज्यादा लोगों पर मामला दर्ज किय गया। पुलिस ने तीन FIR दर्ज की थीं। इस बीच फैक्ट्री के पास रहने वाले लोगों के घर खाली कर गांव छोड़कर जाने की खबरे भी आईं कि कचरा जलने की दहशत में लोग तारापुर छोड़कर जा रहे हैं।
सीएस अनुराग जैन ने कहा था जनता को भरोसे में लेकर ही आगे बढ़ेंगे
पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को नष्ट करने के विरोध के बीच सीएस अनुराग जैन ने शनिवार को कहा था कि राज्य सरकार इस मामले में हाई कोर्ट से समय मांगेगी, वर्तमान स्थितियों से अवगत कराएगी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि हाई कोर्ट की गाइड लाइन के तहत ही कचरा निष्पादन की आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
NGT पहुंचा विवाद
पीथमपूर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के विरोध का मामला नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (NGT) पहुंच गया। यहां जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने याचिका दायर की है। इस याचिका में मांग की गई है कि राज्य सरकार शपथ पत्र दे कि जहरीले कचरे के निस्तारण से भूमि, जलवायु और जनता के स्वास्थ्य को नुकसान नहीं होगा।
सीएम ने कहा था, ‘न्यायालय जैसा आदेश देगा, हम उसका पालन करने तत्पर रहेंगे’
बता दें कि पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने राजधानी भोपाल में 3 जनवरी को देर रात इमरजेंसी बैठक आयोजित की थी। सीएम ने तब बताया था कि जनभावनाओं का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा था कि जनभावनाओं का आदर करते हुए हाई कोर्ट के सामने सारी परिस्थितियों को रखा जाएगा, साथ ही व्यावहारिक कठिनाइयों को भी कोर्ट को बताएंगे। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।