इस अभियान के तहत आने वाली नागपंचमी (Nag Panchami 2024) को प्रतीकात्मक रूप से नाग देवता की पूजन की करने की अपील की जाएगी। लोग मंदिरों और घरों में नाग देवता की मूर्ति की पूजा करके इको सिस्टम में महत्वपूर्ण इन जीवों की रक्षा कर सकते हैं।
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अभी-अभी: मौसम विभाग ने जारी किया ताबड़तोड़ बारिश का Red Alert, 16 घंटों के लिए चेतावनी जारी सांपों की फूड डाइट में दूध शामिल नहीं
नागपंचमी पर अंधविश्वास के कारण सपेरे सांपों को पकड़कर घर-घर जाकर उनकी पूजन कराते हैं। और उन्हें दूध पीने के लिए मजबूर करते हैं। इससे कई बार नागों की मौत हो जाती है या फिर वे बीमार हो जाते हैं, इसलिए इस बार अनोखी पहल की गयी है। सचाई यह है कि नाग देवता दूध नही पीते। सांपों की फूड डाइट में दूध नहीं है।
नौ अगस्त तक चलेगा अभियान
वन विभाग ने राजधानी भोपाल के कई इलाकों में कार्रवाई तेज कर दी है। पुजारियों और स्वयंसेवी लोगों को ऐसे सपेरे मिलते हैं जो सांपों को दूध पिलाने का आग्रह कर रहे हैं तो उनके खिलाफ शिकायत दर्ज होगी। वन विभाग भी सपेरों पर सत कार्रवाई करेगा। उन पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। वन विभाग द्वारा चलाया जा रहा यह खास अभियान आने वाले 9 अगस्त तक चलेगा।