आतिशी को क्यों चुना मुख्यमंत्री
आतिशी एक अच्छी वक्ता है। साथ ही अरविंद केजरीवाल की भरोसेमंद भी हैं। आतिशी को सत्ता और संगठन का अनुभव भी है। आतिशी का नाम उन चुनिंदा नेताओं में शुमार है, जिन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की है। आतिशी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है।
शाम 4:30 आतिशी करेंगी मुख्यमंत्री पद का दावा पेश
आम आदमी पार्टी के अनुसार, अरविंद केजरीवाल आज शाम 4:30 बजे उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मिलेंगे और अपना इस्तीफा सौपेंगे। साथ ही विधायक दल की नव-चयनित नेता आतिशी मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश करेंगी।
केजरीवाल ने क्यों छोड़ी कुर्सी?
भारद्वाज ने कहा, ” जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना है। उन्होंने कहा है कि जब तक जनता दोबारा नहीं कहेगी, तब तक वे सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, लेकिन कुर्सी इन और अगले 5 सालों के लिए अरविंद केजरीवाल की है… चुनाव होने तक हम में से कोई एक कुर्सी पर बैठेगा। यह वैसा ही होगा, जैसे भगवान राम की अनुपस्थिति में भरत ने शासन किया था।” केजरीवाल ने रविवार को घोषणा की कि वे इस्तीफा दे देंगे और तब तक सीएम पद पर नहीं रहेंगे, जब तक दिल्ली की जनता उन्हें “ईमानदार” घोषित नहीं कर देती। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में होने वाले चुनावों से पहले इस साल नवंबर में चुनाव कराने का भी आह्वान किया है। केजरीवाल ने कहा कि अगर जनता उन्हें फिर से चुनती है, तो यह उनकी ईमानदारी का “प्रमाणपत्र” होगा। उन्होंने कहा कि वे महाराष्ट्र के चुनावों की तरह ही जल्द चुनाव कराने की मांग करेंगे।
आबकारी नीति घोटाले में लग रहे आरोप
54 वर्षीय नेता की यह घोषणा दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद तिहाड़ जेल से रिहा होने के दो दिन बाद आई है। सर्वोच्च न्यायालय ने केजरीवाल की रिहाई पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि उन्हें मामले के बारे में सार्वजनिक टिप्पणी करने से बचना होगा और छूट न मिलने तक ट्रायल कोर्ट के समक्ष सभी सुनवाई में उपस्थित होना होगा।