अधिवक्ता प्रशांत मालवीय निवासी लखेरापुरा रोड, इस बंटवारे को खर्चीला बताते हुए आपत्ति प्रस्तुत की है। बंटवारे से फायर ब्रिगेड से लेकर दफ्तरों और कर्मचारियों के बंटवारे होंगे। पूरा क्लेरिकल स्टाफ बढ़ाना होगा। सड़कों का बंटवारा करना होगा। नगर निगम के प्रोजेक्ट, किस तरह से आपस में वितरित होंगे पता नहीं। कुल मिलाकर बड़ी समस्या दो निगम से होने वाली है। कटारा स्थित स्वामी विवेकानंद वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष डॉ.बीएम गुप्ता ने आपत्ति करते हुए बताया है कि पानी, कचरा को लेकर काफी समस्या है। अगर इस क्षेत्र को अलग कर देंगे तो परेशानी होगी। मेट्रो और स्मार्ट सिटी से क्षेत्र वंचित रह जाएगा। इसमें जनता का भला कम होने वाला है। सड़क परिवहन कर्मचारी, अधिकार उत्थान समिति के अध्यक्ष श्याम सुंदर शर्मा ने आपत्ति लगाते हुए कहा है कि भोपाल को महानगर बनाना चाहिए, न की दो टुकड़े कर शहर की प्रतिष्ठा धूमिल करनी चाहिए। ये पीछे जाने का रास्ता है। इससे आम आदमी पर टैक्स का बोझ और बढ़ेगा। आपत्तिकर्ता गोविंददास बोलिया ने दो नगर निगम न बनाने को लेकर आपत्ति लगाई है। अगर ऐसा होता भी है तो इसके नाम पूर्वी और पश्चिम हों, कोलार के अलावा कोई भी रहवासी अपने को कोलार नगर निगम का हिस्सा कहलाना पसंद नहीं करेगा।
समर्थन करने वालों ने ये दिए तर्क
अमिताभ अग्नीहोत्री ने समर्थन में दावा प्रस्तुत करते हुए बताया है कि वार्ड-22 की कांग्रेस पार्षद रईसा मलिक ने दो नगर निगम बनाने को लेकर समर्थन में दावा प्रस्तुत किया है। आवेदन में इसे भोपाल की बेहतरी के लिए बताया है। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की तरफ से अध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव ने समर्थन में दावा प्रस्तुत किया है। आवेदन में बताया है कि जिस तरह से भोपाल का विस्तार हुआ है उससे दो निगम की जरूरत है, इनकी तरफ से दो दावे प्रस्तुत किए हैं। मप्र कांग्रेस कमेटी के जिला सचिव राहुल जाधव ने दो नगर निगम के समर्थन में दावे प्रस्तुत किए हैं। इनके अलावा 4 अन्य लोगों ने भी समर्थन में दावे प्रस्तुत किए हैं।