शांति और अहिंसा का संदेश दे गएः राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुनिश्री के देवलोकगमन पर दुख जताते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा कि, जैन मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज के देहावसान के बारे में सुनकर दुख हुआ। “कड़वे प्रवचन” के लिए मशहूर, उन्होंने समाज में शांति और अहिंसा का संदेश फैलाया और युवाओं को अच्छे संस्कार देकर समाज को नयी दिशा प्रदान की। उनके सभी अनुयायियों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं हैं।
पीएम ने जताया गहरा दुख
प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मौदी ने भी मुनिश्री के देवलोकगमन पर दुख जताते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा कि, मुनिश्री तरुण सागर जी महाराज के इस बे समय दुनिया के जाने का बड़ा गहरा दुख हुआ। हम हमेशा उनकी विशाल सोच और समाज के प्रति सहयोग को याद रखेंगे। उनके द्वारा पढञाया गया शांति का पाठ लोगों को हमेशा जागृति का पाठ पढ़ाता रहेगा। मेरी संवेदनाएं जेन समुदाय के साथ हैं।
राजनाथ सिंह ने बताया प्रेरणा स्रोत
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुनिश्री के देवलोकगमन पर दुख जताते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा कि, जैन मुनि श्रद्धेय तरुण सागर जी महाराज के असामयिक महासमाधि लेने के समाचार से मैं स्तब्ध हूँ। वे प्रेरणा के स्रोत, दया के सागर एवं करुणा के आगार थे। भारतीय संत समाज के लिए उनका निर्वाण एक शून्य का निर्माण कर गया है। मैं मुनि महाराज के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
सीएम ने दमोह की धर्ती को किया नमन
मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने मुनिश्री के देवलोकगमन पर दुख जताते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा कि, मैं दमोह की धरती को नमन करता हूं, जो श्रद्धेय जैन मुनि तरुण सागरजी महाराज जैसे ईश्वर तुल्य विराट व्यक्तित्व की जननी है। अपने “कड़वे प्रवचन” से हमारे जीवन को सार्थक स्वरूप प्रदान करने वाले ऐसे संत सदियों में एक बार धरती पर आते हैं। गुरुदेव कृपावर्षा से आप हमारे ह्रदय में अमर रहेंगे।
क्रांतिकारी राष्ट्रीय संत थे सागर जी
अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ.प्रणव पण्ड्या ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर मुनिश्री के देवलोकगमन पर सोक व्यक्त करते हुए अपने ट्विटर के ज़रिए कहा कि, क्रांतिकारी राष्ट्रीय संत तरुण सागर जी महाराज का महाप्रयाण पूरी मानवता के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी कमी पूरी नहीं की जा सकती। वे समाज को कड़वे प्रवचन के माध्यम से जीवन जीने की कला सिखाते थे। उन्हें सभी विचारशील लोग आदर के साथ सुनते थे। अगस्त 2013 में जयपुर में उनसे मिलने का सुअवसर पर मिला, जब उनके स्वहस्त से तरुणक्रांति पुरस्कार से मुझे नवाजा था। उनके साथ बिताए हुए क्षणों की स्मृति आज भी मेरे दिल में वैसी ही है। वियोग की इस दु:खद घड़ी मैं यही श्रद्धांजलि दे सकता हूँ कि उनके दिखाये मार्ग और बचे कार्य में जो सहयोग गायत्री परिवार कर सकता है, वह सतत करता रहेगा।
दिग्विजय ने कहा देश ने एक उच्च कोटि को राष्ट्र संत खो दिया
एमपी के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने भी मुनिश्री के देवलोकगमन पर दुख जताते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा कि,अभी अभी समाचार मिले हैं कि राष्ट्र संत तरुण सागर जी महाराज ने शरीर छोड़ दिया। सुन कर बेहद दुख हुआ। देश ने एक उच्च कोटि को राष्ट्र संत खो दिया। ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति।