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भोपाल

कभी MP में बैन थी इस मंत्री के भाषणों की कैसेट, बाबरी विध्वंस से जुड़ा नाम

लिब्राहन आयोग ने माना था ढांचा विध्वंस मामले आयोग ने सोलह साल तक जांच करने के बाद 30 जून 2009 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। हालांकि इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 

भोपालJul 04, 2016 / 09:34 am

Anwar Khan

jain bhan singh pawaiya

jain bhan singh pawaiya

भोपाल।  मध्यप्रदेश में हाल में मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। ग्वालियर का प्रतिनिधित्व करने वाले जयभान सिंह पवैया को उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया है। पवैया की छवि कट्टर हिंदुत्ववादी नेता की रही है। बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके पवैया शुरुआत से ही राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ गए थे। उस दौर में पवैया उग्र भाषण देने के लिए जाने जाते थे। यही वजह थी कि उनके भाषणों के कैसेट प्रतिबंधित कर दिए गए थे।


लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट में नाम
बाबरी विध्वंस मामले की जांच करने वाले जस्टिस लिब्राहन आयोग ने जिन 68 लोगों को मस्जिद गिराने का दोषी माना है, उनमें जयभान सिंह पवैया का नाम 22वें नंबर पर है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, बाल ठाकरे, विनय कटियार, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और प्रवीण तोगडिय़ा को भी आयोग ने इसके लिए जिम्मेदार माना था। आयोग ने सोलह साल तक जांच करने के बाद 30 जून 2009 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। हालांकि इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।


जब ढांचा ढहा, सब तनाव में थे
राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी यादों पर चर्चा करते हुए एक बार पवैया ने कहा था कि जब ढांचा ढह गया तो सब तनाव में थे। लेकिन अशोक सिंहल का कहना था कि हनुमानजी की यही इच्छा थी। विचलित होने की जरूरत नहीं है।


50 हजार युवाओं के साथ गए थे अमरनाथ
स्वयं पवैया ने ही एक मौके पर मीडिया को बताया था कि 1996 में जब आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों पर हमले की धमकी दी तो उन्होंने मंच पर ही विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख अशोक सिंघल से अमरनाथ जाने की इजाजत मांगी। तब सिंघल ने कहा कि आपके पास 50 युवा हैं और घाटी में ललकार के साथ वंदे मातरम कह सकते हैं तो जरूर जाएं। इसके बाद वे 50 हजार युवाओं को साथ लेकर अमनाथ यात्रा पर गए और परंपरा को कायम रखा।


सिंधिया को चुनौती देने से बढ़ा था कद
जयभान सिंह पवैया चर्चा में तब आए जब उन्होंने 1998 के लोकसभा चुनाव में ग्वालियर से माधवराव सिंधिया को चुनौती दी। ये ग्वालियर राजघराने की अपराजेय सीट मानी जाती थी। स्वयं अटल बिहारी वाजपेयी को भी सिंधिया के खिलाफ पराजय का सामना करना पड़ा था। लेकिन, पवैया ने सिंधिया को कड़े संघर्ष के लिए मजबूर कर दिया। सिंधिया काफी कम अंतर से जीत पाए। इसके बाद 1999 के चुनाव में उन्होंने सीट बदल ली और पवैया रिकॉर्ड मतों से जीते। 2004 के लोकसभा चुनाव में वे हार गए।


सुषमा ने कहा था – तुम हवा में उड़ रहे हो पवैया
पवैया के साथ काफी विवाद भी जुड़े रहे हैं। उन पर अक्खड़मिजाजी, अहं और जातिवादी होने के आरोप लगे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में पवैया गुना- शिवपुरी सीट से प्रत्याशी थी। सुषमा स्वराज उनके लिए प्रचार करने शिवपुरी गई थी लेकिन उन्हें रिसीव करने कोई नहीं पहुंचा। इससे नाराज सुषमा ने सबके सामने कहा था – तुम हवा में उड़ रहे हो पवैया। वे नेताओं के मनाने के बावजूद वहां नहीं रुकी थीं।

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