इसलिए लगेंगे दो साल
भर्ती प्रक्रिया में करीब दो साल से ज्यादा का वक्त लगता है। एक साल का वक्त भर्ती निकालने से लेकर पूरी चयन प्रक्रिया में और उसके बाद चयनित हुए जवानों के पुलिस की ओर से एक साल का प्रशिक्षण दिया जाता है। 2028 में उज्जैन सिंहस्थ को लेकर भी भर्ती समय से पूरी करना जरूरी है। 2016 में करीब 30 हजार जवान तैनात किया गए थे। अब ज्यादा जरूरत होगी।
कम अमला त्वरित न्याय में बड़ी बाधा
नए कानूनों में पीड़ितों को त्वरित न्याय देने की बात कही गई है, लेकिन पुलिस बल की कमी इसमें बाधा है। जिन पुलिस कर्मियों के पास कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है उन्हीं पर प्रकरणों की जांच का जिम्मा है। बोझ किस कदर है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सूबे में 1700 थाने होने चाहिए, लेकिन 968 से काम चलाया जा रहा है।
नया जेल एक्ट अब जनवरी में
प्रदेश में वर्षों पुराना जेल कानून बदलकर नया कानून बंदीगृह अधिनियम 2024 दो अक्टूबर को लागू नहीं हो पाया। ऐसा वित्त विभाग से सहमति नहीं मिलने के कारण हुआ। अब एक जनवरी 2025 को लागू करने की नई तारीख जारी की गई है। जेल विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नया जेल एक्ट लागू होते ही मैन्युअल भी लागू किया जाएगा। इसमें कैदियों को विभिन्न प्रकार की सुविधाओं सहित बैरक से संबंधित दिशा-निर्देश हैं। वर्तमान प्रिजन एक्ट 1894 ब्रिटिशकाल से है। जेलों की व्यवस्था कारागार अधिनियम 1894, बंदी अधिनियम 1900 और बंदी स्थानांतरण अधिनियम 1950 के तहत चल रही है। इन अधिनियमों को एक कर नया एक्ट तैयार किया गया है। इसमें 18 अध्याय हैं। जेल जीपी सिंह के अनुसार नए एक्ट को लागू करते ही मैन्युअल जारी किया जाएगा।