‘लाड़ली बहनों’ को सरकार ने दी नई जिम्मेदारी, ऐसा करने वाला एमपी बना देश का पहला स्टेट
MP News: टोल पर टैक्स वसूली का जिम्मा संभालने से महिलाएं आर्थिक रूप से समृद्ध और संपन्न हो रही हैं। देश में ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश एकमात्र राज्य है……
MP News: मध्यप्रदेश सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भरपूर योगदान दे रही है। सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रदेश में अनेक योजनाएं लागू की जिससे महिलाओं को लाभ मिल सके । प्रदेश में एक ऐसी ही व्यवस्था 2023 में लागू की गई जिसमें मध्यप्रदेश की स्व- सहायता समूह की महिलाओं को टोल -टैक्स वसूल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
एक साल से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तीन सड़क मार्ग मलहेरा -चांदला, शाजापुर- दोपाड़ा- नलखेड़ा और उज्जैन-मक्सी सड़क पर टोल वसूली स्वसहायता समूह की महिलाएं कर रही हैं।
मध्य प्रदेश में तीन मार्गों पर महिला स्व-सहायता समूह को टोल का जिम्मा सौंपने के पायलट प्रोजेक्ट की सफलता मिली है। इसके बाद अब अगले चरण में चार सड़क मार्ग नीमच-मानसा, नागदा-धार, गंजबासौदा-सिरोंज, मोहनपुरा-बेहट मार्ग पर टोल टैक्स वसूली का कार्य भी स्व-सहायता समूह को दिया जाएगा।
टोल कलेक्शन का 30% स्व सहायता समूहों को
टोल प्लाजा का प्रबंधन करने वाले महिला समूह को टोल कलेक्शन का 30% तथा बाकी का 70% हिस्सा एमपीआरडीसी को मिल रहा है। समूह के सदस्यों को मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रशिक्षण दिलाया गया है ।
टोल प्लाजा प्रबंधक से मिली जानकारी के अनुसार महिलाओं को टोल प्लाजा प्रबंधन के तकनीकी पहलू के बारे में प्रशिक्षित किया गया है।बता दें कि एमपी के पूर्व सीएम प्रदेश की सभी महिला बहनों को ‘लाड़ली बहना’ कहते थे। इसका योजना से कोई संबंध नहीं है।
महिला सशक्तिकरण में स्व-सहायता समूह का योगदान
मध्यप्रदेश में 4 लाख 78 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों के माध्यम से 57 लाख से अधिक महिलाएं समूहों से जुड़ीं हैं। अब तक 5.26 लाख स्व-सहायता समूहों को 6,358 करोड़ रुपए से अधिक का क्रेडिट लिंकेज किया गया है।
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