हाईकोर्ट के कर्मचारियों ने उच्च वेतनमान और भत्तों के लिए याचिका दायर की है। इस मामले में जवाब देने सीएस वीरा राणा वर्चुअल उपस्थित हुई थीं। अब एमपी हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की पीठ ने राज्य सरकार को वेतन वृद्धि पर जल्द फैसला लेने या कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहने का अल्टीमेटम दे दिया है।
यह भी पढ़ें : पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा बयान, कार-हेलीकॉप्टऱ नहीं अब चलेंगे पैदल, सबसे पहले जाएंगे ओरछा राज्य सरकार ने आदेश पर अमल के लिए कुछ और मोहलत मांगी तो कोर्ट ने सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि हाईकोर्ट के कर्मचारियों के उच्च वेतनमान से जुड़ा यह मामला कई सालों से लंबित है। अब और मोहलत नहीं दी जा सकती।
इससे पहले राज्य की मुख्य सचिव वीरा राणा ने वर्चुअली उपस्थित होकर कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार हाईकोर्ट के आदेश पर अमल करना चाहती है। इस पर कोर्ट ने तल्खी से पूछा कि आदेश का पालन आखिर कब तक किया जाएगा।
पूर्व में हुई सुनवाई में भी कोर्ट कह चुकी है कि अंतिम रिपोर्ट दो साल पहले प्रस्तुत की गई थी तब भी सरकार सोती रही। अब हाईकोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह का समय दे दिया है। सरकार के जवाब के बाद इस केस में फिर सुनवाई होगी।
कर्मचारियों की है याचिका हाईकोर्ट के किशन पिल्लई समेत सौ से ज्यादा कर्मचारियों ने उच्च वेतनमान और भत्तों के लिए याचिका दायर की थी। 2016 की इस याचिका पर हाईकोर्ट ने 2017 में राज्य सरकार को आदेश जारी किए। इसका पालन नहीं होने पर 2018 में अवमानना याचिका पेश की गई। हाईकोर्ट कर्मचारियों के लिए उच्च वेतनमान की अनुशंसा की गई थी। इधर सुनवाई में महाधिवक्ता ने बताया था कि राज्य कैबिनेट ने उच्च वेतनमान की सिफारिश को मंजूरी नहीं दी।