MP Govt Big Decision: मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने फैसला लिया है कि अब जो भी कर्मचारी पदोन्नति (प्रमोशन) लेने से इंकार करेगा उसे आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा और उसे प्रमोशन छोड़ने के कारण उच्चतर वेतनमान का फायदा भी नहीं दिया जाएगा। सरकार ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। जिसका कर्मचारी संगठन ने विरोध किया है।
मोहन यादव सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए जो आदेश जारी किया है उसके मुताबिक अब कर्मचारियों की क्रमोन्नति योजना में बदलाव करते हुए प्रावधान किया गया है कि यदि कोई कर्मचारी उच्चतर वेतनमान का लाभ लेने के बाद पदोन्नति लेने से इंकार करता है तो उस कर्मचारी को पहले से मिलने वाली बढ़ी हुई सेलरी के लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा, लेकिन ऐसे कर्मचारी को भविष्य में किसी भी उच्चतर वेतनमान का वित्तीय लाभ नहीं दिया जाएगा।
सरकार की ओर से जारी किए गए इस आदेश का कर्मचारी संगठनों ने विरोध किया है। मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ का कहना है कि प्रमोशन के बाद कई बार ट्रांसफर हो जाता है और ऐसे में पारिवारिक परिस्थितियों को देखते हुए कई बार कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ छोड़ना पड़ता है। इसलिए सरकार को इस मामले में सहानुभूति के तौर पर फिर से विचार करना चाहिए।