अगले साल होने वाले चुनाव से पहले इसकी सुगबुगाहट तेज हो गई है। राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर रिटायरमेंट की उम्र 62 से 65 करने की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ इसका विरोध कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में चल रही खबरों के मुताबिक सरकार रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने पर विचार कर रही है, हालांकि इस प्रकार की कोई आधिकारिक पुष्टि या बयान सामने नहीं आया है।
राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा की ओर से सीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष होना चाहिए। अध्यक्ष ने लिखा है कि पिछले वर्षों से नई नियुक्तियां नहीं हुई और हजारों पद रिक्त हैं और हर माह सैकड़ों अधिकारी और कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ऐसे में शासकीय योजनाओं पर भी असर पड़ रहा है। अगले साल विधानसभा और उसके बाद लोकसभा चुनाव भी होने वाले है, जिसमें भी काम प्रभावित होगा। पत्र में चिकित्सा शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष होने का हवाला दिया गया है। उन्होंने कहा है कि नई भर्ती होने तक रिटारमेंट की आयु को बढ़ाना चाहिए।
आयु सीमा बढ़ाई तो करेंगे आंदोलन
इधर, तृतीय कर्मचारी संघ के भोपाल जिला अध्यक्ष मोहन अय्यर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि यदि सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ती है, तो सरकार पर भी आर्थिक बोझ बढ़ेगा क्योंकि अधिकारियों और कर्मचारियों को बढ़े हुए वेतन के हिसाब से भुगतान करना होगा, जबकि नई भर्ती कम वेतन पर होगी। यदि सरकार ने सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाई जाती है तो तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएगा।
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सोशल मीडिया पर चलाया अभियान
इधर, रिटायरमेंट की आयु सीमा बढ़ाने का विरोध कई युवा वर्ग ने भी किया है। इन्होंने सोशल मीडिया पर एक अभियान भी छेड़ दिया है। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने यह अभियान चलाया है कि रिटायरमेंट की आयु 58 करो और संविदा भर्ती बंद करो।
गौरतलब है कि दिग्विजय सरकार के समय 1998 में सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 साल कर दी गई थी। उसके बाद 2018 में शिवराज सरकार ने इसे 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दिया था। अब इसे 65 करने की मांग की जा रही है। इसका लाभ सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा, लेकिन कई युवा रोजगार के लिए तरस जाएंगे।