बताया जा रहा है कि नए विधेयक के तहत गौ-तस्करी करने वालों को 7 साल की सजा के साथ गौ-तस्करी में इस्तेमाल वाहन को भी राजसात किया जाएगा। नए कानून के तहत मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद जो कड़े फैसले लिये थे। उनमें से गौवंस रक्षा का फैसला भी शामिल है। इसी के साथ गौ-तस्करी में लिप्त पाए जाने वाला आरोपी सिर्फ कलेक्टर कोर्ट में ही अपनी याचिका लगा सकेगा। कलेक्टर कोर्ट के अलावा किसी अन्य कोर्ट में आरोपी की सुनवाई नहीं होगी। विधेयक के पास होते ही पुलिस को अब ज्यादा अधिकार मिल जाएंगे। पुलिस गौतस्करी में पकड़े गए आरोपी के खिलाफ अपने स्तर पर कड़ी कारवाई कर सकेगी।
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वैसे भी मध्य प्रदेश सरकार साल 2024 को गोवंश रक्षा वर्ष के रूप में मना रही है। गौवंश को लेकर के कई बड़े फैसले राज्य सरकार कर रही है। उसी के तहत ये नया कानून भी लाया गया है, जिसे गोवंश संवर्धन और संरक्षण कानून नाम दिया है। इस कानून के तहट अब से गौ-तस्करों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी।
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आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश सरकार गोवंश की सुरक्षा को लेकर लगातार फैसले ले रही है। इसी के तहत शनिवार देर शाम 5 सदस्यों की एक समिति बनाई गई है। इसमें वरिष्ट अफसर भी शामिल हैं। मध्य प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव से लेकर के प्रमुख सचिव तक अलग-अलग विभागों के और इसके तहत 15 दिनों का एक प्लान बनाया गया है, जिसे प्रदेशभर में बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ़ समेत कुल 6 ऐसे जिले हैं, जिन्हें इसके लिए 5 लाख रुपए दिए गए हैं।
गोवंश के लिए लगातार काम कर रही मोहन सरकार
इसके अलावा गोवंश के चारे की बात करें तो सरकार ने इसके लिए 20 रुपए प्रति दिन से बढ़ा कर 40 रुपए प्रति गोवंश रोजाना कर दिया है। कुल मिलाकर देखा जाए तो मोहन यादव की सरकार गोवंश को लेकर के शुरुआत से ही अपने फैसले साफ करते चल रहे हैं। अब एक नए नोटिफिकेशन के जरिए गौ-तस्करी पर लगाम लगाने की तैयारी मोहन सरकार करने जा रही है।