7 हजार लोग सोच-समझकर देंगे वोट
नरेला की सबसे बड़ी बस्ती अन्ना नगर है, जिसमें 7 हजार से अधिक झुग्गियां हैं। इससे लगी हुई सुभाष फाटक बस्ती की तस्वीर भी जुदा नहीं है। देखते ही देखते 35 साल पहले यहां इतनी झुग्गियां बस गईं। यहां के वोट एक ही दल को जाते हैं। अन्ना नगर की आबादी पहले एक दल को वोट देती थी, अब ट्रेंड बदल गया। इन बस्तियों में सबसे अधिक बिहारी-भोजपुरी, मराठी, निमाड़ी लोग रहते हैं।
जो हमारे लिए, हम उसके लिए
गोङ्क्षवदपुरा में 3 हजार से अधिक झुग्गियां हैं, लेकिन सुविधाविहीन। इस बस्ती के वोट उम्मीदवार का भाग्य तय करते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई नहीं आता। यहां चांदमारी में भी 3 हजार झुग्गियां हैं। पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं की गई। गंदगी भी बीमार कर रही है। बच्चों के लिए सरकारी स्कूल नहीं हैं। इस क्षेत्र की आबादी डेंगू-मलेरिया से अधिक परेशान हंै।