आरोप भी लगे हैं कि काम करने वालों को मौका नहीं दिया गया। शनिवार रात कार्यकारिणी घोषित होने के साथ ही इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद टंडन ने इस्तीफा दिया। पूर्व पदाधिकारी रवि सक्सेना का कमेंट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। लिखा, एक पुरानी कहावत है जो चरितार्थ हो गई। अंधा बांटे रेवड़ी अपने-अपनों को दे। हालांकि उन्होंने कुछ देर बार इसे डिलीट कर दिया। सोशल मीडिया पर अन्य कांग्रेसियों के कमेट भी वायरल हुए।
विधायक क्या देखेंगे
कार्यकारिणी में विधायकों को भी शामिल किया गया है। सवाल उठ रहा है कि विधायक यदि संगठन में शामिल हैं तो फिर क्षेत्र में फोकस कैसे कर पाएंगे। बेहतर होता विधायकों के स्थान पर अन्य लोगों को मौका दिया जाता।
फॉर्मूला दरकिनार
एक व्यक्ति एक पद फॉर्मूले का टीम में ध्यान नहीं रखा गया। पूर्व विधायक कुणाल चौधरी एआइसीसी सचिव हैं, उन्हें विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया है। प्रवक्ता शैलेन्द्र पटेल, मृणाल पंत, रोशनी यादव, विनय सक्सेना, अमित शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे, अनुभा आचार्य, सोशल मीडिया के नेशनल कोऑर्डिनेटर अभय तिवारी को महामंत्री बनाया गया है।
मिलेगी जिम्मेदारी
प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने रविवार को कहा कि संगठन तैयार करने में उम्र, जातीय, क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखा गया है। नकुल पॉलिटिकल अफेयर कमेटी में हैं। प्रदेश सचिव, अनुशासन समिति, सलाहकार समिति में अन्य साथियों को जिम्मेदारी मिलेगी।