मौसम विभाग के अनुसार, केरल की ओर से बारत में प्रवेश लेने वाला मानसून करनाटक में पहुंचने के बाद कुछ स्लो हुआ था, लेकिन कुछ दिनों की धीमे पड़ने के बाद इसने एक बार फिर रफ्तार बढ़ाते हुए समय पर चल रहा था। हालांकि, उज्जैन में मानसून लेट है। ये करीब एक सप्ताह पीछे हो गया। इसके अलावा मध्य प्रदेश में मानसून की स्थिति समय पर है। 3 दिन तक प्रदेश में बादल तो छाएंगे, लेकिन बारिश होने की संभावना कम है।
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धीमी गति से एक्टिव हो रहा मानसून
मध्य-पूर्वी अरब सागर में चक्रवातीय गतिविधियों के साथ, दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर भी चक्रवातीय गतिविधियां सक्रिय है। साथ ही, दक्षिणी गुजरात से कर्नाटक तट के समांतर एक ट्रफ बना हुआ है। झारखंड के आसपास भी चक्रवात सक्रिय है, जिससे होकर विदर्भ तक अन्य ट्रफ लाइन जा रही है। दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा अभी भी पोरबंदर, बड़ौदा, शिवपुरी, रीवा और चुर्क से गुजर रही है।
फिर बढ़ने लगी गर्मी
जून के तीसरे सप्ताह में जोरदार बारिश हुई, लेकिन गर्मी एकबार फिर बढ़ने लगी है। मानसून के दो दिन के ब्रेक के कारण अब प्रदेश में गर्मी और उमस लोगों को परेशान करने लगी है। शुक्रवार को कई इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया। खजुराहो, नौगांव, ग्वालियर और राजगढ़ में यह 40 डिग्री से अधिक रहा। प्रदेश के अधिकांश इलाकों में दिन का पारा 36 के पार रहा। सिर्फ पचमढ़ी में सबसे कम 30 और बैतूल में 31 डिग्री रहा।
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