इनमें से सिंगरौली की हवा सबसे खराब रही, जिसका AQI 307 रहा। राजधानी
भोपाल में भी प्रदूषण का आलम खतरनाक ही रहा है। यहां भी AQI सुबह 200 पार कर गया था और फिर 193 पर आकर रुका। वहीं, पूरे मध्य प्रदेश का औसत AQI 165 है, जो प्रदेशवासियों के लिए बहुत हानिकारक है।
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राजधानी भोपाल में प्रदूषण को कम करने के लिए दिन में करीब 4 बार पानी का छिड़काव किया जा रहा है। भोपाल नगर निगम पानी का छिड़काव इसलिए कर रहा है ताकि शहर की हवा सांस लेने लायक हो सके। भोपाल में न्यूनतम वायु गुणवत्ता 150 है। ऐसा ही हाल
इंदौर का भी है, जहां सोमवार सुबह AQI 151 रहा था। हालांकि, इंदौर में प्रदूषण की गिरावट देखी गई है, लेकिन अब भी यहां की हवा इंदौर के लोगों को हानि पहुंचा सकती है।
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अगर प्रदेश के ऐसे जिले की बात करें जिसकी हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, तो वह है सिंगरौली। सिंगरौली में सोमवार सुबह AQI 307 तक पहुंच गया है। यह AQI आपको घर से बाहर न जाने पर भी मजबूर कर सकता है। इसके बाद नंबर आता है
जबलपुर का, जिसका AQI 296 रहा था। इसके बाद नंबर
ग्वालियर का है, जिसका AQI 220 रहा और आखिर में आता है सागर, जिसका भी AQI दोहरा शतक मारकर 207 तक पहुंच चुका है।
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राजधानी भोपाल में प्रदूषण बढ़ने के कुछ प्रमुख कारण हैं: शहर में लगातार वाहनों की बढ़ोतरी हुई है, जिससे CO2 और NOx जैसे हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है।
- यहां लगातार निर्माण कार्य चल रहा है, जिससे बड़ी मात्रा में धूल हवा में उड़ती है। इसमें मेट्रो और फ्लाईओवर का निर्माण कार्य बड़ी भूमिका निभा रहा है।
- सड़कों की हालत भी वायु प्रदूषण के बढ़ने में अपना योगदान दे रही है। खराब सड़कें और उन पर दौड़ती गाड़ियां हवा में धूल की मात्रा को बढ़ा रही हैं।
- यहां कचरे को जलाने की भी प्रथा है, जिसके कारण बड़ी मात्रा में सल्फर डाइऑक्साइड हवा में मिल जाता है।
- पंजाब की तरह यहां भी किसान अपनी फसल या पराली को जलाते हैं, जिससे वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है।
- भोपाल के आस-पास केमिकल और अन्य उद्योगों से निकलने वाला टॉक्सिक धुआं सबसे बड़े कारणों में से एक है।
- एक अध्ययन में यह भी पाया गया है कि पंजाब और दिल्ली से आने वाली हवा भी 20% तक एमपी की हवा को खराब करती है।