पिछले 24 घंटों में प्रदेशभर में हुई जोरदार बारिश के कारण नर्मदा, ताप्ती, पार्वती , शिप्रा, बेतवा नदियां उफान पर हैं। जबलपुर में बरगी डैम के 15 गेट शुक्रवार को खोल दिए गए। वहीं उज्जैन में गंभीर डेम के चार गेट खोले गए। हरदा में तीन साल बाद गुप्तेश्वर मंदिर का पुल डूब गया। वहीं रायसेन के उदयपुरा और बरेली में बाढ़ में फंसे 16 मजदूरों को प्रशासन ने सकुशल निकाल लिया।
मध्यप्रदेश के मंडला में भी नर्मदा नदी उफान पर है। यहां पिकनिक मनाने गए तीन युवक अचनाक नदी के जलस्तर बढ़ने से नर्मदा की तेज धार में फंस गए। बहाव इतनी तेज थी कि कार को अपने साथ बहा ले गई। लेकिन कार पत्थर से टकराकर रुक गई। उसके बाद तीनों युवक कार की छत पर चढ़ गए। फिर पुलिस को फोन किया। उसके बाद उन्हें रेस्क्यू कर वहां से निकाला गया।
उज्जैन में जोरदार बारिश हो रही है। बारिश के कारण कई मंदिर डूब गए हैं। वहीं,दूसरी तरफ शिप्रा नदी में बाढ़ की स्थिति है। शिप्रा नदी में बाढ़ के कारण रामघाट में बने कई मंदिर डूब गए हैं। उज्जैन में 24 घंटे में 3.90 फीसदी बारिश दर्ज की गई है। शिप्रा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर है। इस वजह से शहर के कई हिस्सों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। साथ ही कई मंदिर भी डूब गए हैं। ऐसे में प्रशासन ने भी लोगों को अलर्ट रहने को कहा है। क्योंकि अगर बारिश इसी तरह से जारी रही तो पानी और बढ़ सकता है।
फुल हुआ बरगी डैम
जबलपुर में भी भारी बारिश के बाद बरगी डैम लबालब भर गया है। क्षमता से अधिक पानी होने की वजह से शुक्रवार को बारगी डैम के गेट खोलने पड़े। गेट खुलने की सूचना मिलते ही इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए लोग जमा होने लगे। यह दृश्य देखने में तो वाकई विहंगम लग रहा था।
प्रदेश के कई जिलों में 24 घंटे में 10 सेमी से ज्यादा बारिश हुई है। राजधानी भोपाल के बड़े तालाब के स्तर में 1.50 फीट का इजाफा हुआ है। अब फुल टैंक लेवल के लिए 0.30 फीट पानी की जरूरत है। बताया जा रहा है कि भदभदा डैम के गेट खोले जा सकते हैं।