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भोपाल

मानसिंह लापता कांड में एफआईआर दर्ज, एमपी के केबिनेट मंत्री का भी जिक्र

Minister Govind Singh Rajput also mentioned in SIT’s FIR in Man Singh Patel caseएसआईटी की एफआईआर में मध्यप्रदेश सरकार के केबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का जिक्र भी किया गया है।

भोपालSep 06, 2024 / 02:52 pm

deepak deewan

Minister Govind Singh Rajput also mentioned in SIT's FIR in Man Singh Patel case

Minister Govind Singh Rajput also mentioned in SIT’s FIR in Man Singh Patel case

Minister Govind Singh Rajput also mentioned in SIT’s FIR in Man Singh Patel case मध्यप्रदेश में बहु​चर्चित मानसिंह पटेल लापता कांड में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। प्रदेश के सागर जिले के मान सिंह पटेल के लापता हो जाने की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने इस केस में एफआईआर दर्ज की है। मानसिंह पटेल की गुमशुदगी के मामले में अभी अज्ञात आरोपी पर केस दर्ज किया गया है। एसआईटी की एफआईआर में मध्यप्रदेश सरकार के केबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का जिक्र भी किया गया है।
मानसिंह पटेल के परिजनों द्वारा प्रदेश के केबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके करीबियों पर आरोप के बाद देश की शीर्ष अदालत ने एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था। इसके बाद मध्यप्रदेश के डीजीपी ने एसआईटी बनाई जोकि केस में मंत्री गोविंद सिंह की भूमिका की भी जांच कर रही है।
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एसआईटी ने इस मामले में 23 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई। इस आपराधिक केस में अज्ञात आरोपी पर एफआईआर दर्ज की गई है। एसआईटी की एफआईआर में मंत्री गोविंदसिंह राजपूत का भी उल्लेख किया गया है।
एसआईटी के जांच अधिकारी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में लिखा है कि- मानसिंह पटेल के बेटे सीताराम पटेल ने सिविल लाइन थाने में उनके गुम होने की शिकायत की थी। तब सीताराम ने कहा था कि 21 अगस्त 2016 को रात में पिता मानसिंह ने मुझे बताया कि उनका गोविंद सिंह राजपूत से विवाद हो गया है। दूसरे दिन वे लापता हो गए।
बता दें कि मानसिंह के बेटे सीताराम पटेल ने गोविंदसिंह राजपूत पर अपने पिता की पुश्तैनी भूमि कब्जाने का आरोप भी लगाया था। बाद में ओबीसी महासभा इस केस में सुप्रीम कोर्ट गई जिसके बाद शीर्ष कोर्ट ने एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एसआईटी का नेतृत्व भोपाल ग्रामीण के आईजी अजयसिंह को सौंपा गया है। इस ​समिति में सीहोर के एसपी मयंक अवस्थी भी शामिल हैं। एसआईटी की मदद के लिए एसआई संदीप खरे को जांच अधिकारी बनाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को चार माह में रिपोर्ट देने को कहा है। कोर्ट ने यह कहा था कि एसआईटी में तीनों अधिकारी एमपी कैडर के आईपीएस हों जिनका नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए। इसमें एक एसपी रैंक का और एक अतिरिक्त एसपी रैंक का अधिकारी होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित पक्ष को यह कहते हुए आश्वस्त किया कि जरूरत पड़ने पर वे कभी भी कोर्ट आ सकते हैं। जांच के बाद सख्त कदम न उठाने पर या फिर अपनी परेशानी बताने के लिए कोर्ट के दरवाजे उनके लिए खुले हैं।
राजपूत भी दे चुके सफाई
इस केस में एमपी के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी सफाई दे चुके हैं। उन्होंने एसआईटी गठन का स्वागत करते हुए कहा था कि इसकी जांच से दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
गोविंद सिंह राजपूत पहले कांग्रेस में थे। वे कमलनाथ सरकार में परिवहन और राजस्व विभाग के कैबिनेट मंत्री थे। एमपी में मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में जो 21 विधायक बीजेपी में शामिल हुए उनमें गोविंद सिंह राजपूत भी शामिल थे। कांग्रेस सरकार गिरने के बाद बनी शिवराज सिंह की बीजेपी सरकार में भी वे मंत्री बने रहे। मोहन यादव की केबिनेट में वे खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय का दायित्व संभाल रहे हैं। वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे करीबी नेताओं में से एक हैं।

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