वहीं, प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में बाला बच्चन का नाम भी आगे चल रहा था। लेकिन उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं इस पद की दौड़ में नहीं हूं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के वरिष्ठ नेता जो नाम तय करेंगे, वह सभी को स्वीकार होगा। उन्होंने कहा कि मैं रेस में हूं, मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, आपही लोगों के माध्यम से सुना हूं। लेकिन पार्टी जो जिम्मेदारी तय करेगी उसका निर्वहन करूंगा।
दरअसल, मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक लगातार यह कह रहे हैं कि महाराज को पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाए। इस पर बाला बच्चन ने कहा कि पार्टी के विरुद्ध जो भी जाता है, उससे बात की जाएगी। मैं भी पार्टी नेताओं के समक्ष यह बात रखूंगा कि पार्टी के अगेनस्ट कोई बात न जाए। ये सारी चीजें नहीं होनी चाहिए। पार्टी नेतृत्व ही इसे लेकर अंतिम फैसला लेगी।
कार्यकर्ताओं को होगी खुशी
जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि सिंधिया अध्यक्ष बनते हैं तो पार्टी के कार्यकर्ताओं और जनता दोनों को खुशी होगी, लेकिन ये उनकी मर्जी पर निर्भर करता है कि वो प्रदेश अध्यक्ष का पद स्वीकार करते हैं या नहीं। वहीं, सिंधिया के अन्य समर्थकों ने तो पार्टी से इस्तीफे तक की धमकी दे दी है। इस पर गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि सिंधिया के लाखों-करोड़ों समर्थक हैं, सभी को समझाया नहीं जा सकता है।