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भोपाल

मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट…2027 तक 30 किमी की लाइन का दावा, अब फुल स्पीड में दौड़ाना होगी मेट्रो

निर्माण की गति पांच गुना करना होगी अभी ये स्थिति मेट्रो टाइमलाइन…. आंकड़ों में मेट्रो – 7000 करोड़ रुपए के करीब लागत दोनों लाइन में बनने के बाद भी आसान नहीं मेट्रो की राह सीहोर-मंडीदीप तक मेट्रो, लेकिन यात्री कितने…इसका अध्ययन अभी नहीं कम यात्रियों से बसें बंद, मेट्रो को कैसे मिलेगी सवारी – मौजूदा […]

भोपालAug 07, 2024 / 11:21 am

देवेंद्र शर्मा

  • चार साल में 6.22 किमी का काम भी पूरा नहीं, तीन साल में अब 24 किमी का काम पूरा करना चुनौती
    भोपाल.
    इंट्रो…पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मेट्रो ट्रेन से दौड़ाने के दावे जितने तेज है, जमीनी काम में उतनी तेजी नजर नहीं आ रही। मेट्रो ट्रेन कारपोरेशन ने 2027 में 30 किमी की दो लाइनों पर 2.20 राइडरशीप के साथ मेट्रो संचालन का दावा किया है, लेकिन अभी 6.22 किमी का प्रायोरिटी कॉरीडोर भी तैयार नहीं हो पाया। अब काम फुल स्पीड में चले तो ही अगले तीन साल में 24 किमी का ट्रेक पूरा करके लोगों को इसमें सवार किया जा सकता है।
निर्माण की गति पांच गुना करना होगी
  • मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत अब निर्माण की गति पांच गुना बढ़ाना होगी। मौजूदा गति प्रतिमाह 138 मीटर है। 2027 तक 30 किमी का ट्रैक पूरा कर संचालन शुरू करना है तो प्रतिमाह 666 मीटर की गति लाना होगी। ऐसा करने पर ही करोद से एम्स और रत्नागिरी तिराहा से भदभदा तक मेट्रो का काम पूरा हो पाएगा। गौरतलब है कि एम्स से करोद लाइन के दूसरे भाग में 3.34 किमी का अंडरग्राउंड ट्वीन टनल का टै्रक भी है। ऐसे में समय पर काम पूरा करने गति से समझौता नहीं होगा।
अभी ये स्थिति
  • एम्स से सुभाष ब्रिज तक 6.22 किमी का स्लैब तैयार
  • आठ मेट्रो स्टेशन में से अब तक पांच तैयार हुए। बचे हुए तीन चार से पांच माह में तैयार होंगे।
  • जिंसी पुलबोगदा से करोद तक सात मेट्रो स्टेशन का काम शुरू होना बाकी है।
  • 30 ठेका कंपनियां प्रोजेक्ट में शामिल है, 80 फीसदी की टेंडरिंग, जमीन पर काम करना है।
  • स्टेशन, प्लेटफार्म, सिग्नलिंग सिस्टम से लेकर मेट्रो संचालन के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति ही चल रही है।
  • पहली लाइन एम्स से करोद तक 16 किमी है, जिसमें से दस किमी का काम अभी शुरू होना है। टेस्टिंग की चल रही है।
  • भदभदा से रत्नागिरी चौराहा तक 14 किमी मेट्रो लाइन का कोई काम नहीं हुआ।
  • मेट्रो ट्रेन की पांच रैक भोपाल पहुंच चुकी है। कुल 27 रैक है, लेकिन अभी आपूर्ति रोकी हुई है।
मेट्रो टाइमलाइन….
  • 2010 में दिल्ली मेट्रो के श्रीधरन ने भोपाल में मेट्रो की फिजिबिलिटी रिपोर्ट दी। श्रीधरन ने 2016 तक मेट्रो संचालन शुरू होने की उम्मीद की थी।
  • 2011 में मेट्रो डीपीआर का ग्लोबल टेंडर निकाला
  • 2014 में डीपीआर बनी…
  • 2016 में इसे केबिनेट की मंजूरी हुई
  • 2018 में सेंट्रल से मंजूरी के बाद यूरोपियन बैंक से लोन की प्रक्रिया हुई
  • 2018 में ही इसके लिए टेंडर जारी कर 500 करोड़ रुपए में पीयर्स व वायाडक्ट का काम दिया गया
  • 26 सितबर 2019 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भूमिपूजन कर दिसंबर 2022 तक एम्स से सुभाषब्रिज तक काम पूरा करने का दावा किया
  • 18 सितंबर 2023 को गुजरात के बड़ोदरा से मेट्रो की पहली रैक भोपाल पहुंची
  • 26 सितंबर 2023 को सेफ्टी ट्रायल रन किया गया
  • 3 अक्टूबर को फायनल ट्रायल रन हुआ
  • जून 2024 में कमर्शियल रन का दावा पूरा नहीं हुआ।
  • जनवरी 2025 से कमर्शियल रन का दावा।
आंकड़ों में मेट्रो
  • 14 एलीवेटेड स्टेशन करोद से एम्स के बीच
  • 02 अंडर ग्राउंड स्टेशन करोद से एम्स के बीच
  • 14 एलीवेटेड स्टेशन भदभदा से रत्नागिरी तिराहा
  • 3.34 किमी अंडरग्राउंड दौड़ेगी मेट्रो
  • 2.20 लाख यात्री 2027 में रहेंगे करोंद से एम्स के बीच
  • 1.38 लाख यात्री रहेंगे 2027 में भदभदा से रत्नागिरी तिराहे के बीच

– 7000 करोड़ रुपए के करीब लागत दोनों लाइन में

बनने के बाद भी आसान नहीं मेट्रो की राह
  • अर्बन प्लान सुयश कुलश्रेष्ठ का कहना है कि मेट्रो ट्रेन लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का बेहतर व सुरक्षित माध्यम है, लेकिन संचालन काफी खर्चीला है। मेट्रो को चलाने के लिए मजबूत वित्तीय स्त्रोत बनाने होंगे। राइडरशीप के भरोसे मेट्रो चलाना मुश्किल है। यात्रियों को
    भी मेट्रो तक लाना फिलहाल काफी मशक्कत भरा रहेगा। सिर्फ बनाने से काम नहीं चलने वाला है। गौरतलब है कि अधिकांश मेट्रो घाटे में ही है ऐसे में सरकार को भी गेप फंडिंग को लेकर तैयार रहना होगा।
सीहोर-मंडीदीप तक मेट्रो, लेकिन यात्री कितने…इसका अध्ययन अभी नहीं
  • भोपाल से रायसेन मंडीदीप और सीहोर तक मेट्रो संचालन की बात हो रही है, लेकिन यहां से भोपाल आवाजाही वाले यात्री कितने है, इसका सर्वे करना होगा। अभी काम के लिए सुबह लोग मंडीदीप या सीहोर तक आवाजाही करते हैं, शाम को भी फिर लौट आते हैं। ऐसे में यहां मेट्रो क्या दिनभर चलेगी या सुबह या शाम का समय तय होगा। ऐसा हुआ तो राइडरशीप कितनी होगी और कितने नुकसान या खच के साथ मेट्रो चलाएंगे, ये भी विचार करना होगा।
कम यात्रियों से बसें बंद, मेट्रो को कैसे मिलेगी सवारी

– मौजूदा पब्लिक ट्रांसपोर्ट लो-फ्लोर बसें यात्रियों की कमी से जूझ रही है। कुछ ही रूट्स व कुछ तय समय पर ही यात्री मिलते हैं। इससे बस संचालकों ने घाटा बताकर हड़ताल की और कई बसें बंद हो गई। कई रूट्स पर बस नहीं चलने से लोग ऑटो व अन्य निजी साधनों के भरोसे हो गए। ऐसे में मेट्रो को कैसे सवारी मिलेगी, इसपर विचार करना होगा।

मेट्रो की ये लाइन प्रस्तावित लाइन
लाइन-1 – बैरगढ़ से अवधपुरी

स्टेशनों की संख्या – 24

लाइन -3 – भौरी बाईपास से बसंत कुंज बस स्टॉप

स्टेशनों की संख्या- 24

लाइन-4 – अशोक गार्डन ऑटो स्टैंड से मदर टेरेसा स्कूल कोलार

स्टेशनों की संख्या- 21

लाइन-6 – हबीबगंज नाका से मंडीदीप

स्टेशनों की संख्या- 12

कोट्स
मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट का काम काफी तेजी से किया जा रहा है। हम तय समय सीमा के अनुसार ही काम को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों को जल्द ही मेट्रो के तौर पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का नया माध्यम मिलेगा।
  • सीबी चक्रवर्ती, एमडी, मेट्रो रेल कारपोरेशन

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