मंगलवार को मेट्रो का पांचवा रैक चेन्नई के कोयंबेडु रेल मार्ग से भोपाल लाया गया। ये रैक 180 मीटर लंबा और 3.2 मीटर चौड़ा है। इसमें चार मोटर कार और दो ट्रेलर कार हैं। यह रैक 900 यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखता है। इस रैक को मिलाकर अभी तक भोपाल में 5 रैक आ चुके हैं। भोपाल में पहले चरण में 27 मेट्रो ट्रेन का संचालन किया जाना है।
हबीबगंज नाके के पास स्टील ब्रिज बनाने का काम चल रहा है। इसके बनते ही एम्स से सुभाष नगर तक मेट्रो का कामर्शियल रन शुरू कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि सितंबर 2024 तक मेट्रो का संचालन शुरू हो जाएगा। यह ब्रिज मेट्रो ट्रेन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ट्रेन को रेलवे लाइन पार करने में मदद करेगा।
हर कोच में एंटी बैक्टीरिया सिस्टम
मेट्रो रेल के अलावा मेट्रो बनाने वाली एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड के कर्मचारी भी यहां हैं। इन ट्रेनों में एंटी बैक्टीरिया और एंटी वायरल सिस्टम लगाया गया है। अंदर का इंटीरियर भी किया जा रहा है।
ये है खासियतें
मेट्रो ट्रेन के प्रत्येक कोच की 22 मीटर लंबाई और 2.9 मीटर चौड़ाई है।
मेट्रो के एक कोच में करीब 50 पैसेंजर बैठ सकते हैं। वहीं, इसमें 300 पैसेंजर के खड़े रहने की क्षमता है।
अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन (यूटीओ) मोड।
इंटेलिजेंट सीसीटीवी सिस्टम (आईसीसीटीवी)।
पकड़ने के लिए ग्रैब हैंडल।
एलईडी पैनल/डिजिटल रूट मैप व साइनेज।
एयर कंडिशनर कोच होंगे।