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भोपाल

MP में चुनाव से पहले बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी

कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियाें का होगा तबादला! जानें क्या है तैयारी

भोपालSep 06, 2022 / 07:27 pm

दीपेश तिवारी

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भाेपाल। मध्य प्रदेश में एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होने वाला है। इसका कारण यह बताया जाता है कि आगामी चुनाव 2023 से पहले मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी चल रही है। इसके तहत कई जिलों के एसपी (SP) और कलेक्टर(collector) बदले जाने के साथ ही कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों का भी तबादला हाेने की संभावना है। ज्ञात हाे कि बीते दिनों हुए निकाय चुनावों की आचार संहिता (Code of conduct) के कारण प्रदेश में तबादलों पर रोक लग गई थी। वहीं अब प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट बैठक के बाद इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 17 सितंबर से तबादलों (transfers) पर लगी रोक हट जाएगी जाे 5 अक्टूबर तक रोक हटी रहेगी।

बताया जाता है कि तबादलों पर लगी रोक हटने की घाेषणा से पूर्व ही सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department) ने मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर तक आईएएस(IAS) -आईपीएस (IPS) के अलावा राज्य प्रशासनिक और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के तबादलों की तैयारियां शुरू कर दी थी, ऐसे में अब इन तबादलाें की लिस्ट सितंबर के अंत या फिर अक्टूबर के शुरुआती पांच दिनाें में जारी कर दिए जाने की संभावना है।

जानकाराें का मानना है कि मध्य प्रदेश में चूंकि 2023 में विधानसभा चुनाव होने है, ऐसे में इसे लेकर निर्वाचन आयोग (Election Commission) नवंबर से तैयारियां शुरू कर सकता है। जिसके कारण जैसे ही मतदाता सूची तैयार करने का कार्य प्रारंभ, हाेने के साथ ही कई तबादले प्रतिबंधित (transfers banned) हो जाएंगे। फिर नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए आवेदन लेने और फिर जनवरी 2023 में अंतिम मतदाता सूची (voter list) प्रकाशित होने के बाद ही सरकार कुछ तबादले कर सकेगी। लेकिन इस दाैरान मतदाता सूची के का कार्य प्रभावित हाेने से राेकने के लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के तबादले नहीं होंगे, ऐसे में इन पर प्रतिबंध रहेगा।

चूंकि इस दाैरान प्रशासनिक व पुलिस अफसराें के अलावा रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, बूथ लेवल आफिसर सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले नहीं हो सकेंगे, ऐसे में राज्य सरकार ने पहले ही प्रशासनिक फेरबदल की तैयारियां कर लीं है। सूत्राें के अनुसार इस दाैरान करीब 12 से 18 कमिश्नर, कलेक्टर, आईजी, डीआईजी और एसपी काे बदला जा सकता हैं। इसके साथ ही अन्य विभागों में भी अधिकारी कर्मचारियों का तबादला किया जा सकता है।

नए सिरे से प्रशासन में बदलाव करने के लिए सामान्य प्रशासन और गृह विभाग की प्रारंभिक तैयारियां पूरी हाेने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ सीएस इक़बाल सिंह बैंस और डीजीपी सुधीर सक्सेना की चर्चा हाेगी, जिसके पश्चात सूची जारी की जाएंगी। इसके अतिरिक्त चुनाव आयोग के निर्देशाें पर वर्षाेंं से एक ही स्थान पर जमे अफसरों और अगले चंद महीने में सेवानिवृत्त होने वाले अफसराें के स्थान पर नए अफसरों की पोस्टिंग हाेगी। इसके साथ ही इस दाैरान तीन साल से ऊपर समय से एक ही स्थान पर जमे चुनाव वाले जिलों के कुछ कलेक्टर और एसपी भी बदले जा सकते हैं।

तबादलों से रोक हटी, कुछ ऐसे समझें :-
प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर लगी रोक हटा ली गई है। इसके तहत अब पीएम नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से 5 अक्टूबर तक तबादले हो सकेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में इसकी मंजूरी दे दी। राज्य सरकार अब अलग से तबादला नीति जारी करेगी। अभी कैबिनेट में सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। इसके तहत पूरी नियमावली अलग से जारी की जाएगी।

लंबे समय से था इंतजार
कोराना काल के कारण 2020 में तबादले नहीं हो सके थे। इसके बाद 2021 के जुलाई-अगस्त में तबादलों पर रोक हटी थी, लेकिन बाढ़ के हालातों के बाद वापस फिर रोक लगा दी गई। इसके बाद इस साल जुलाई 2022 में रोक हटना थी, लेकिन रोक नहीं हट सकी। इसलिए अब 15 सितंबर से रोक हटाई जा रही है।

मंत्रियों की रही है मांग
तबादलों पर लगी रोक हटाने के लिए मंत्री लंबे समय से मांग कर रहे थे। खास तौर पर बड़े विभाग इससे अधिक प्रभावित रहते हैं। इसमें स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन, महिला बाल विकास, कृषि, लोक निर्माण आदि विभाग शामिल हैं।

5 लाख प्रभावित, 20 फीसदी अधिकतम
प्रदेश में करीब 5 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जो इन तबादलों की सीमा में आते हैं। मनपसंद जगह पर जाने और बने रहने के लिए कर्मचारी प्रयास करते हैं। नई तबादला नीति में 5 से 20 फीसदी तक तबादले होने हैं। पिछली नीति में भी अधिकतम 20 फीसदी तबादले का नियम था। इसमें बडे विभागों में 15-20 फीसदी तक तबादले होते हैं। जबकि अधिकतर जगह औसत 5-10 फीसदी के बीच ही तबादले होते हैं।

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