how gandhari gave birth to 100 child ? उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता ने कहा है, ‘भारतीय ज्ञान परंपरा में सर्जरी पहले से मौजूद थी। स्टेम सेल थैरेपी से सौ कौरवों का जन्म हुआ।’ उन्होंने कई विषयों के उदाहरण देते हुए कहा कि विज्ञान ने सौ-दो सौ वर्षों में जो खोजा है, वह भारतीय ज्ञान में हजारों वर्ष पहले से मौजूद है।
‘भारतीय ज्ञान परंपरा-विविध संदर्भ’ विषय पर आयोजित दो दिनी कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मंगलवार को वरिष्ठ आइएएस गुप्ता ने उच्च शिक्षा विभाग की ओर से स्वागत भाषण दिया। इसी में उन्होंने करीब पांच मिनट तक मौजूदा विज्ञान की कई बातों का उल्लेख भारतीय ज्ञान में मौजूद होने का जिक्र किया।
0-कंप्यूटर अभी बना मगर कंप्यूटर फ्रेंडली भाषा संस्कृत हमने चार हजार साल पहले बना ली थी।
0-एटोमिक थ्योरी महर्षि कणाद ने ढाई हजार वर्ष पूर्व दे दी थी।
0-पायथागोरस की जो थ्योरी हम पढ़ते हैं, वह बोधायन ने डेढ़ हजार वर्ष पूर्व दे दी थी।
0-गणित शास्त्र का जनक भारत है। उज्जैन के गणितज्ञ कंक थे। उन्हें बगदाद आमंत्रित किया गया था और वहां से अंक शास्त्र अरब होते हुए पूरे यूरोप में फैला।
0-खगोल विज्ञान को देखें तो हमारे तो शास्त्रों में लिखा है, ‘जुग सहस्त्र जोजन पर भानु।’ तुलसीदासजी ने इसे नापा नहीं था, जो ज्ञात था वही उन्होंने लिखा।
0-कॉपरनिकस ने जो कहा उससे एक हजार साल पहले आर्यभट्ट ने पृथ्वी के बारे में वही बात कह दी।
0-बॉटनी में अभी सौ साल पहले कहा कि वनस्पति में जीवन है। हमें यह हजारों साल पहले से मालूम है। पीपल चौबीस घंटे ऑक्सीजन देता है, यह हमें मालूम है।
0-पुष्पक विमान हमने सुना है। महर्षि भारद्वाज का विमान शास्त्र हमारे यहां मौजूद है।
0-खेती की बात करें तो नेचुरल फार्मिंग की जो बात आज हो रही है, उसी खेती का उल्लेख ऋग्वेद में है।
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1992 बैच के आइएएस गुह्रश्वता ने कहा कि सुरेश सोनी संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी की पुस्तक ‘भारत में विज्ञान की उज्ज्वल परंपरा’ को यथावत पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।