मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ध्वजारोहण व मप्र गान के साथ शुरुआत की। उन्होंने कहा, यह सुखद है कि एक ओर दीपोत्सव है और दूसरी ओर राज्योत्सव। प्रदेशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए सीएम ने कहा, बुंदेलखंड, बघेलखंड, मालवा-निमाड़ और महाकौशल ने मप्र को अविस्मरणीय इतिहास, कला, संस्कृति, परंपरा व अनंत सामर्थ्य का पंचामृत दिया है।
मप्र ने दुनिया को साहित्य-संगीत की विरासत दी
धर्म-अध्यात्म, ज्ञान की त्रिवेणी, विंध्याचल व सतपुड़ा की गोद में मप्र ने दुनिया को साहित्य-संगीत की विरासत दी। श्री राम ने यहां 11 साल वनवास व उज्जैन में श्रीकृष्ण ने शिक्षा ली। यह धरती धन्य हुई। प्रदेश ने गौरवशाली परंपराएं सहेजी हैं। शासन का दशहरे पर शस्त्र व गोवर्धन पूजा का आयोजन इसका प्रतीक है।
7 बार कृषि कर्मण मध्यप्रदेश के नाम
सीएम ने कहा, प्रदेश ने कई उपलब्धियां हासिल कीं। यह देश का फूड बॉस्केट है। हमारा प्रदेश सोयाबीन, हीरा, बिजली, जन-जातियों का घर, बाघ और चीता स्टेट है। सफाई में इंदौर व भोपाल ने कीर्तिमान बनाए। 7 बार मप्र ने कृषि कर्मण पुरस्कार जीता। सीएम ने कहा, अयोध्या में 2000 साल पहले जिस मंदिर की नींव सम्राट विक्रमादित्य ने रखवाई, उसे आतताइयों ने ध्वस्त किया। हमने 500 साल धैर्य रखा। पीएम मोदी के नेतृत्व में भगवान राम मंदिर में मुस्कुरा रहे हैं। इस बार भव्य दिवाली मनेगी।