साइडलाइन हैं कई कद्दावर नेता
प्रदेश कांग्रेस के कई कद्दावर नेता इन दिनों साइडलाइन हैं। पार्टी में प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से ये नाराज भी हैं। पिछले दिनों अरुण यादव सोनिया से मिले थे। यादव और कमलनाथ के बीच पटरी नहीं बैठ रही है। बताया जाता है कि विवेक तन्खा भी सोनिया गांधी से चर्चा कर चुके हैं।
कांग्रेस की नजर मध्यप्रदेश में
दरअसल, मध्यप्रदेश समेत राज्यस्थान और छत्तीसगढ़ में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस की सरकार है, लेकिन मध्यप्रदेश में दल-बदल के बाद भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता से हटा दिया था। ऐसे में केन्द्रीय नेतृत्व की नजर भी मध्यप्रदेश पर है। लगातार फीडबैक भी लिया जा रहा है।
सुधांशु के दौरे ने बढ़ाई हल-चल
इधर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव सह प्रभारी सुधांशु त्रिपाठी 27 और 28 मार्च को भोपाल जिले के प्रवास पर रहेंगे। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री राजीव ङ्क्षसह ने बताया कि त्रिपाठी 27 मार्च को प्रदेश कार्यालय में कांग्रेसजनों से मुलाकात करेंगे। उनके इस दौरे को भी मध्यप्रदेश के नेताओं के दिल्ली फेरे से जोड़कर देखा जा रहा है।
भाजपा ने ली चुटी
कांग्रेस की अंदरूनी कलह पर भाजपा ने तंज कसा है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अरुण यादव की सोनिया गांधी से मुलाकात पर कह चुके हैं कि अरुण भैया क्या करें? बैठक में कमलनाथ उन्हें बुलाते नहीं है। लोकसभा का चुनाव लडऩे नहीं देते। संगठन में दरकिनार कर दिया है। अब वो अपना दु:ख व्यक्त करने सोनिया गांधी के पास नहीं जाएं तो कहां जाए।