बता दें कि जबलपुर और इंदौर में विदेश से लौट कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। जिनको होम आइसोलेशन में रखा गया था। लेकिन अब वो पूरी तरह से स्वास्थ्य हो गए हैं। जिससे प्रदेश में कोई भी एक्टिव केस शेष नहीं है। आपको बता दें कि, कोरोना काल का प्रदेश में पहला केस सामने आने के 34 महीनों बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब राज्य में कोरोना का एक भी मरीज नहीं है। मंगलवार तक राज्य में तीन एक्टिव मामले थे। बुधवार को तीनों की रिकवरी होने के बाद अब बाद राज्य में कोरोना के मरीज भी पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं। राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने हेल्थ बुलेटिन जारी कर ये जानकारी दी है।
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34 महीनों में पहली बार पूरी तरह शून्य हुए कोरोना के मरीज
20 मार्च, 2020 को राज्य में पहले चार कोरोना के मामले सामने आए थे। चारों मामले जबलपुर में आए थे। इनमें एक ज्वैलर के परिवार के तीन सदस्य जो दुबई से लौटे थे और एक छात्र का नाम शामिल था। छात्र जर्मनी से लौटा था। शुरुआत में इन चार लोगों में ही कोरोना केस सामने आया था लेकिन समय के साथ मामलों की संख्या बढ़ती गई थी। 20 मार्च 2020 से लेकर 25 जनवरी, 2022 तक एक भी दिन ऐसा नहीं था जब राज्य में कोविड के मरीज ना रहे हों। बुधवार को पहला दिन था जब राज्य में एक भी कोरोना का मरीज नहीं है। स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने हेल्थ बुलेटिन जारी कर इसकी जानकारी दी है।
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