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VYAPAM: हर मौत के पीछे एक कहानी, चिता में दफ़न हो गए कई राज

व्यापमं के आरोपियों की लगातार हो रही मौतों से सियासत बार-बार गरमा जाती है। यह बात और है कि अब भी कोई इन मौतों के पीछे के सच को हकीकत में खोजना नहीं चाह रहा है।

भोपालJun 13, 2016 / 06:21 pm

नितेश तिवारी

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भोपाल। MP के जिस व्यापमं घोटाले ने सरकार की छवि को खराब किया। इसमें हुई मौतों ने इसकी जांच को प्रभावित किया। जो मौतें हुई, उनका सच आज भी राज बना हुआ है पर इस राज से इतर मौतों का दर्द आज भी वे परिवार झेल रहे हैं, जो इस पूरे घोटालें से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नहीं जुड़े हुए हैं। ऐसे ही एक उजड़े परिवार की कहानी का दर्द…।


टहलने गया था, पर लौटी लाश 
वो तो घर से तड़के पांच बजे टहलने निकला था फिर नहीं लौटा। थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई, खूब ढूंढा। दो दिन बाद नहर में लाश तैरती मिली। मेरे बेटे का व्यापमं से कोई लेनादेना नहीं, उसे फंसाया गया है। मैंने एसटीएफ से निष्पक्ष जांच की मांग की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

यह दर्द है, डॉ. अमित सगर के पिता रामजीलाल सगर का। अमित रहस्यमय ढंग से गायब हो गया था डाक्टर तीन माह पूर्व रहस्यमय तरीके से घर से लापता हो गया था। दो दिन बाद उसकी लाश नहर में मिली। उसकी नहर में डूबने से मौत हुई थी। नहर में कैसे डूबा आज तक पता नहीं चला। बेटे को खोने के बाद रामजीलाल अब उसका नाम व्यापमं घोटाले में घसीटने से दुखी हैं। कहते हैं, अमित का व्यापमं से कोई लेना देना नहीं था। अब जो लोग व्यापम में फंसे हैं, वह जबरन उसका नाम खुद को बचाने के लिए घसीट रहे हैं। इस संबंध में करीब दो माह पूर्व जांच के लिए आई एसटीएफ को भी, इससे अवगत कराया था। साथ ही निष्पक्ष जांच की मांग की थी।

सुबह क्यों करेगा आत्महत्या
17 फरवरी को 27 वर्षीय अमित अन्य दिनों की तरह सो गया था। वह रोजाना इसी तरह टहलने निकलता था। अब सवाल यह उठता है कि अमित सुबह उठकर सीधे आत्महत्या करने क्यों जाएगा। वह तड़के पांच बजे घर से निकला था। परिजन भी उसे बेकसूर मानते हैं, फिर उसने आत्महत्या क्यों की। इस सवाल का जवाब वे भी जानना चाहते हैं। लेकिन पुलिस अभी तक इसे एक आत्महत्या मानकर चल रही है। तर्क है, व्यापमं में नाम आने के कारण उसने खुदकुशी की। 


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ध्यान दें – इन सभी पर एक से लेकर आठ मामले तक दर्ज हैं।

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