पर्यटन विभाग ने 2009 में बीजाढाना के रातेड़ प्वॉइंट पर पातालकोट महोत्सव की शुरुआत की थी। इसका सिलसिला 2017 तक चला। झम्मीलाल के अनुसार उनका परिवार तब तक इस जमीन पर खेती भी करता रहा। पर्यटन विभाग ने 2018 में जमीन दिल्ली की यूरेका कैम्पआउट्स को 11 लाख रुपए में 20 साल के लिए लाइसेंस एग्रीमेंट पर दे दी। उसके बाद कंपनी ने यहां तारबंदी कर दी। इससे पर्यटकों और आदिवासियों का रास्ता बंद हो गया। बीजाढाना आने वाले पर्यटकों का आवागमन बंद होने से आदिवासियों के रोजगार पर भी बुरा असर हुआ है। वे पर्यटकों को जड़ी-बूटी बेचते थे।
– दोषियों पर हो कार्रवाई : अलावा
कांग्रेस के आदिवासी विधायक और जयस नेता डॉ. हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर पातालकोट में यूरेका कंपनी के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है। अलावा ने लिखा है कि ये निर्माण कार्य अनुच्छेद 244 एक और पांचवीं अनुसूची का उल्लंघन है। इसमें दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग भी की है।