राजधानी में भारी बारिश से अधिकांश स्कूलों में पानी भर गया। स्कूलों की छतों से पानी गिर रहा है। इस कारण कमरों में भी घुटनों तक पानी भरा है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति सरकारी मिडिल एवं प्राइमरी स्कूलों की है। कई प्राइवेट स्कूलों के जाने के रास्ते बंद हो गए। इसके चलते मंगलवार को स्कूल रखने के आदेश दे दिए गए थे। भोपाल में करीब 500 सरकारी मिडिल और प्राइमरी स्कूल हैं, इनमें से करीब 475 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें पानी भर गया है। बीआरसी रविंद्र जैन ने बताया कि फंदा ब्लॉक के कई स्कूलों में तो कमर तक पानी भरा हैं। पानी रुकने के बाद स्कूलों में सफाई का काम शुरू किया जाएगा।
इन स्कूलों की स्थिति ज्यादा खराब
नरेला हनुमत प्राथमिक शाला वार्ड 84 रतनपुर, बावड़िया कला, जमुनिया, टीलाखेड़ी, ईंटखेड़ी समेत अधिकांश सरकारी स्कूलों में कमर तक पानी भर गया शिक्षक और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने रपटे और नदी-नालों को पार कर स्कूल न आने के आदेश दिए हैं। हालांकि राजधानी में कलेक्टर ने भारी बारिश के चलते 22 और 23 अगस्त का अवकाश घोषित किया है। मौसम की स्थिति को देखते हुए शाम तक फैसला लिया जाएगा कि स्कूल बंद रहेंगे कि खुलेंगे।
जर्जर स्कूलों की सूची हो रही तैयार
लोक शिक्षण संचालनालय के उपसंचालक धर्मेद्र शर्मा ने स्कूलों के निरीक्षण के लिए बीआरसी और शिक्षकों की एक टीम बनाई है, जो कि स्कूलों का निरीक्षण कर रही है। उन्होंने टीम को ऐसे स्कूलों को चिन्हित करने के आदेश दिए हैं।
रातभर पानी के बीच फंसे रहे लोग
सोमवार को दिनभर तेज बारिश से कई कॉलोनियों में पानी भर गया, हालांकि सोमवार रात को बारिश कुछ थमी, लेकिन लोगों की परेशानियां कम नहीं हुईं। कई इलाकों में रातभर पानी भरा रहा, तो कई लोग सहमे रहे। जाटखेड़ी स्थित जीवी विला सोसायटी में 27 परिवार पानी में रातभर फंसे रहे। नाला उफान पर होने से ग्राउंड फ्लोर डूब गया। यहां रहने वाले केके सिंह ने बताया कि कॉलोनी के पीछे नाला है, जिससे पानी की निकासी बंद होने के कारण कॉलोनी में पानी भर गया। रातभर बिजली भी नहीं होने से परेशानी रही।
डैम अभी भी ओवरफ्लो
कलियासोत डैम के सभी 13, भदभदा के सभी 11 और केरवा के सभी 8 गेट खुल चुके हैं। बड़ा तालाब का लेवल बढ़ने के बाद सोमवार को क्रूज भी आधा डूब गया था। रात में डैमों का जलस्तर कुछ कम हुआ। बावजूद उफान कम नहीं हुआ।
देश में रेकॉर्ड
24 घंटे में मध्यप्रदेश में देश में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। सूबे में 449% अधिक पानी बरसा। इस अवधि में औसतन 0.41 इंच पानी गिरना था, जबकि 2.33 इंच बारिश हुई है। प्रदेश में नर्मदा, बेतवा, शिप्रा, चंबल, पार्वती समेत कई बड़ी-छोटी नदियां खतरे के निशान की ओर बढ़ रही हैं। करीब 50 डैम ओवरफ्लो हो गए हैं।