Madhubala love Story मौत की दहलीज पर खड़ी थीं मधुबाला, फिर भी किशोर कुमार ने निभाया प्यार
किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त, सन 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा में हुआ था। सन 1987 में अपने निधन से पहले उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए सर्वाधिक 8 फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते थे। ज्योतिष की नजर में किशोर कुमार की कुंडली बेहद भाग्यशाली योगों से भरी मानी जाती है। ज्योतिषी उनकी इस सफलता के पीछे उनकी कुंडली में बने एक खास योग का जिक्र करते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार किशोर कुमार की कुंडली में लग्नाधि योग था जिसके कारण उन्हें जीवन में जबर्दस्त यश और धन प्राप्त हुआ।
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किशोर कुमार गायक के साथ ही अभिनेता, डायरेक्टर, कंपोजर, पटकथा लेखक और निर्माता के रूप में भी बेहद सफल थे. उन्होंने 81 फ़िल्मों में अभिनय किया और 18 फ़िल्मों का निर्देशन भी किया था। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई भी इस योग का महत्व बताते हैं। उनका कहना है कि ज्योतिष के सबसे प्रमुख ग्रंथ बृहत्पाराशर होराशास्त्र में इस योग का उल्लेख किया गया है।
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बृहत्पाराशर होराशास्त्र के अनुसार यदि लग्न से छठे, सातवें एवं आठवें घर में शुभ ग्रह हो तथा उन पर कोई भी पाप ग्रह की दृष्टि न हो तो लग्नाधि योग बनता है। इस योग में जन्मा व्यक्ति बहुत सौभाग्यशाली होता है, सर्वसुख पाता है. ऐसा व्यक्ति बहुत धनी होता है और ऐश्वर्यपूर्ण जीवन जीता है। किशोर कुमार की कुण्डली में लग्न से छठे घर में गुरु, सातवें घर में शुक्र व आठवें घर में बुध स्थित थे। इस तरह बने लग्नाधि योग ने संगीत के क्षेत्र में उन्हें अमर कर दिया।