किसान आंदोलन के समर्थन में कई कांग्रेस ने गुरुवार को देशभर में रेल रोको आंदोलन चलाया है। यह आंदोलन चार घंटों के लिए चलाया गया है। इसका असर मध्यप्रदेश के रीवा, बीना, ग्वालियर और भोपाल में भी देखने को मिला।
ग्वालियर में रेलवे ट्रैक पर बैठे प्रदर्शनकारी
ग्वालियर के डबरा में रेल रोको आंदोलन का असर देखने को मिला। यहां किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता रेलवे ट्रैक पर आकर बैठ गए। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रेलवे क्रासिंग पर ही रोकने का प्रयास किया, लेकिन कार्यकर्ता रेलवे ट्रैक तक जा पहुंचे। इस दौरान रीवा-जबलपुर स्पेशल ट्रेन को रोक दिया गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों में छड़प भी हुई। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस के पहरे में ट्रेन को रवाना किया।
रीवा, सिंगरौली बरगवां में भी विरोध
इधर, विंध्य क्षेत्र के रीवा, सिंगरौली और बरगवां रेलवे स्टेशन पर भी कांग्रेस और किसान नेता रेलवे ट्रैक तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं जा पाए। हालांकि वे नारेबाजी करते हुए रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां उन्होंने स्टेशन मास्टर को ज्ञापन सौंपा और वापस लौट गए। इस दौरान रेलवे ट्रैक पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।
विदिशा स्टेशन पर लगा भारी पुलिस बल
विदिशा रेलवे स्टेशन पर भी रेल रोको आंदोलन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। रेलवे स्टेशन के दोनों तरफ बेरिकेडिंग कर दी गई थी, किसी को भी इस पार से उस पार जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। यात्रियों को भी पूरी पड़ताल के बाद ही रेलवे स्टेशन पर प्रवेश दिया जा रहा है। माधवगंज चौराहे पर किसान और कांग्रेस नेता एकत्र हुए और उन्होंने जमकर नारेबाजी कर किसान बिल वापस लेने की मांग की।
बीना में भी प्रदर्शन
विदिशा के बाद बीना रेलवे स्टेशन पर भी भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। यहां जितने कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान एकत्र हो रहे थे, उनसे कहीं अधिक पुलिस कर्मी तैनात कर दिए गए थे। इस कारण यहां ट्रेनें नहीं रोकी जा सकी।
खंडवा में भी भारी पुलिस बल तैनात
इधर, खंडवा से खबर है कि यहां खंडवा जंक्शन पर भारी पुलिस बल सुबह से ही तैनात कर दिया था। दोपहर तक यहां किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं पहुंचे। यहां यात्रियों को भी जांच-पड़ताल के ही प्रवेश दिया जा रहा है।
भोपाल में पुलिस तैनात
भोपाल के मिसरोद रेलवे स्टेशन पर भी सुबह से भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। यहां हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जा रही थी। हालांकि दोपहर तक यहां भी कोई प्रदर्शनकारी नहीं पहुंचा था। कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में मिसरोद रेलवे स्टेशन पर ट्रेनें रोकने की चेतावनी दी थी।