आगामी केंद्रीय बजट के लिए विशेषज्ञों के साथ ही राज्य सरकारों से भी सुझाव लिए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत कृषि से संबंधित सुझाव लेने के लिए केंद्रीय किसान कल्याण और कृषि विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों के कृषि मंत्रियों से वर्चुअल बातचीत की।
उन्होंने कहा कि किसानों के हितों में मौसम आधारित फसल के लिए भी कई इंतजाम किए जा रहे हैं। किसानों के हित में कई फैसले लिए गए हैं। टॉप (टमाटर, प्याज और आलू) फसलों के मामले में कटाई के समय उत्पादक और उपभोक्ता राज्यों के बीच मूल्य का अंतर पाटने के लिए सरकार ने केंद्रीय नोडल एजेंसियों के कामों के लिए परिवहन और भंडारण का खर्च वहन करने का निर्णय लिया है।
यह भी पढ़ें: एमपी में बंद हो गईं बसें, कई जिलों में आवागमन ठप, जानिए कब तक थमे रहेंगे पहिए बैठक में बताया गया कि इस बार कृषि विकास दर 3 से 4 प्रतिशत रहने की संभावना है। किसान कल्याण और कृषि क्षेत्र में विकास की 6 सूत्रीय रणनीति पर काम किया जा रहा है। उत्पादन बढ़ाने, सूक्ष्म सिंचाई योजना, मैकेनाइजेशन, तकनीक, नई कृषि पद्धतियों और उत्पादन की लागत कम करने पर केंद्र सरकार काम कर रही है।
देशभर के कृषि मंत्रियों की इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि फसल बीमा योजना में फसल के नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए अब रिमोट सेंसिंग का इस्तेमाल किया जाएगा। अभी तक क्रॉप कटिंग मैन्युअल से नुकसान का आकलन होता था जिसकी कई शिकायतें आती थीं। इसलिए केंद्र सरकार ने सैटेलाइट बेस्ड रिमोट सेंसिंग के माध्यम से नुकसान का आकलन करने का फैसला लिया है।
कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने यह भी बताया कि अब बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित समय पर क्लेम की राशि नहीं देने पर उसे किसानों को 12 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा। क्लेम राशि डीबीटी से हस्तांतरित की जाएगी।
कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है। उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत केंद्र अपने हिस्से की राशि तत्काल देगा। कृषि मंत्री ने राज्यों से भी तत्काल राशि देने का प्रबंध करने की अपील की।
बता दें कि देश में अभी तक इस योजना से 4 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं। किसानों को अब तक क्लेम के रूप में कुल 17 हजार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।