किडनी में सूजन आने का कारण
– बुखार
– पेशाब करने में दर्द
– भूरा या लाल रंग का पेशाब
– असहनीय और तीव्र दर्द
– पेशाब में अधिक प्रोटीन का होना
– बहुत कम पेशाब का आना
– फेंफड़े में तरल का होना, जिसके कारण खांसी और सांस लेने में दिक्कत होना।
– अधिक थकान लगना
– सांसों से बदबू आना
– सूजन और सांस की तकलीफ होना।
किडनी में सूजन आने के नुकसान
किडनी की सूजन या नेफ्राइटिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किडनी की मुख्य यूनिट में सूजन आ जाती है जिसे नेफ्रोन कहा जाता है। ऐसा होने पर किडनी को खून साफ करने विलंब आता है। जिससे ये शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व बाहर नहीं कर पाती और शरीर में मौजूद रक्त में मिलने लगती है।
इन रोगियों को होता है खतरा
मधुमेह और ल्यूपस और एएनसीए वस्कुल्टिस जैसी कुछ ऑटो इम्युन बीमारियों से पीड़ित लोगों में सेकंडरी ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस यानी किडनी की सूजन जैसी स्थिति बन सकती है। ऐसी स्थितियों में भी समय पर इलाज से किडनी को बचाया जा सकता है। कभी-कभी दर्द निवारक या एंटीबायोटिक दवाइयों के दुष्प्रभाव के कारण भी ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (किडनी में सूजन ) हो सकता है। जब पेशाब करते समय खून दिखाई दे या इसका रंग अचानक से बदलकर लाल या भूरा हो जाए तो ऐसी स्थिति में कोई एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करें।