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इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करना चाहिए। व्रत के अगले दिन द्वादशी पर जरूरतमंदों को भोजन और अन्न का दान करने के बाद व्रत पारण करना चाहिए। कामिका एकादशी पर व्रत रखनेवालों को एकादशी व्रत कथा जरूर सुनना चाहिए। पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और पूजन में अनजाने में हुई गल्तियां की क्षमा मांगे. इसके बाद अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करें और विष्णुजी से इन्हें पूरा करने का आग्रह करें।
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कामिका एकादशी 4 अगस्त 2021
एकादशी तिथि प्रारंभ— 3 अगस्त को अपरान्ह 12.59 बजे से।
एकादशी तिथि समापन—4 अगस्त को अपरान्ह 3.17 बजे।
कामिका एकादशी व्रत पारण— 5 अगस्त को प्रात: 05.45 बजे से सुबह 08.26 बजे तक।
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खास बात यह है कि कामिका एकादशी का व्रत रखने और पूजा करने से पितृ भी प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि पितरों की प्रसन्नता से जीवन में सफलता प्राप्त होती है, हर प्रकार के कष्टों का नाश होता है और सुख समृद्धि प्राप्त होती है। पूर्वजन्म के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। द्वापर युग में स्वयं भगवान कृष्ण ने पांडवों को एकादशी के महत्व के बारे में बताया था।
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एकादशी तिथि भगवान विष्णु की प्रिय तिथि है। इस दिन विधिविधान से उनकी पूजा फलदायी साबित होती है। विष्णुजी संसार के पालक हैं, सभी सांसारिक सुखों के कारक हैं। घर—वाहन का सुख चाहनेवालों को विष्णुजी की पूजा अवश्य करना चाहिए। जिन्हें अपना मकान बनवाने, बंगला या फ्लैट आदि खरीदने की चाहत है, वे एकादशी पर विष्णु पूजा जरूर करें.
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सुबह स्नान के बाद व्रत और विष्णुजी की पूजा का संकल्प लें। घर के पूजा स्थल या मंदिर जाकर विष्णुजी की पूजा करें. घी का दीपक जलाएं और विष्णुजी के विग्रह का स्नान, अभिषेक, पूजन करें. इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें. सहस्त्रनाम स्तोत्र के पाठ से विष्णुजी प्रसन्न होते हैं। दिनभर व्रत रखें या फलाहार करें और सात्विक आचरण करें।