मुख्यमंत्री इन दिनों बच्चों के प्रति बेहद संवेदनशील नजर आ रहे हैं। स्कूल शिक्षा में सुधार के लिए सख्ती करने के बाद अब उनकी नजर उन बच्चों के भविष्य संवारने पर है जो भीख मांगकर अपना गुजारा करते हैं। ट्रेफिक सिग्रल पर हाथ में कटोरा लिए बच्चे पैसे मांगते नजर आ जाते हैं। सरकार ने ऐसे बच्चों की बेहतरी का बीड़ा उठाया है। सरकार खुशहाल नौनिहाल के जरिए ऐसे बच्चों को पढ़ाने लिखाने के साथ उनके पुनर्वास की योजना बना रही है।
इस तरह की है योजना :
सरकार की यह योजना भिक्षा वृत्ति में लगे बच्चों के भविष्य को संवारने का काम करेगी। इनके पालकों की मजबूरी और गरीबी को देखते हुए उन्हें रोजगार से जोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा। बच्चों के पालन पोषण से लेकर मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी भी सरकार उठाएगी। बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा दी जाएगी। इसकी शुरुआत भोपाल संभाग में हो चुकी है। जिसे काफी सराहा जा रहा है। इस योजना में सामाजिक संगठनों के साथ -साथ प्रबुद्ध वर्ग का भी सहयोग मिल रहा है। इस योजना को अब पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी की जा रही है।
बाल श्रम रोकने पर भी फोकस :
इस योजना के तहत बाल श्रम को भी सख्ती के साथ संवेदनशीलता से रोका जाएगा। सरकार ये मानती है कि गरीब घरों के बच्चे रोजगार के लिए पढऩे की बजाय बचपन से ही काम करने लगते हैं। बच्चे खाने-पीने की होटलों में तो बच्चियां अपनी मां के साथ दूसरों के घरों में झाड़़़ू पोंछा करनेे के काम में लग जाती हैं। सरकार ऐसे बच्चों को भी रोजगारपरक शिक्षा और कौशल संवर्धन के जरिए बेहतर दिशा में आगे बढ़ाएगी।
वर्जन :
– सरकार पूरे प्रदेश के साथ हर उस बच्चे की संरक्षक है जो खुद को अनाथ महसूस करता है। मुख्यमंत्री बेहद संवेदनशीलता के साथ सामाजिक कल्याण की दिशा में फैसले कर रहे हैं। हम नहीं चाहते कि कोई बच्चा भिक्षावृत्ति करे या होटलों में काम करे। ऐसे बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी योजना तैयार की जा रही है। – पीसी शर्मा विधि एवं अध्यात्म मंत्री –