मध्य प्रदेश के सतना में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कमलनाथ ने दावा किया कि, ‘गोविंद सिंह के पास जो सीडी वो मैंने भी देखी है। अपनी 15 महीने की सरकार के दौरान मैने खुद इस सीडी के संबंध में जांच के आदेश दिए थे कि, ये सीडी फर्जी है या सही।’ सीडी सार्वजनिक न किये जाने के कारणों पर जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा कि, ‘मैं इस तरह की राजनीति नहीं करता, बल्कि मैं तो चाहता ही नहीं था कि, इस सीडी का मामला सामने आए। क्योंकि, इसमें उन लोगों की ही बदनामी नहीं, जो इस सीडी में दिखाई दे रहे हैं। बल्कि इसमें पूरे प्रदेश की भी बदनामी है।’ कमलनाथ ने कहा कि, ‘सीडी में वहीं लोग हैं, जो बीते 15 वर्षों से प्रदेश में सरकार चला रहे हैं।’
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चुनावी साल में सीडी पर छिड़ा सियासी संग्राम
नेता प्रतिपक्ष के इस बयान ने प्रदेश का सियासी पारा बढ़ा दिया है। हालांकि, इस संबंध में गोविंद सिंह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी बंद कमरा बैठक कर चुके हैं। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को सीडी सार्वजनिक करने की चुनौती दी है, जिसपर गोविंद सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, अगर मेरी बात पर शक है तो घर आकर अपनी पार्टी के नेताओं का चाल चरित्र अपनी आंखों से देख लें।
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने यहां तक कह दिया है कि, उनका या पार्टी का इरादा किसी का व्यक्तिगत चरित्र हनन करने का नहीं है। लेकिन अगर इस मामले पर बीजेपी कोर्ट जाती है तो कोर्ट को गोपनीय तरीके से सीडी सौंप सकते हैं।