परिवार पर हमला नहीं बोलेगी भाजपा
पीएम मोदी ( pm modi ) और अमित शाह ( Amit Shah ) ने लोकसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) पर और उनके परिवार पर भी हमला बोला था, लेकिन सिंधिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से भाजपा सिंधिया के परिवार पर सीधा हमला नहीं बोल पाएगी। क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी राजमाता सिंधिया भाजपा की संस्थापक सदस्य हैं। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ भाजपा में हैं। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ( Vasundhara Raje ) इस समय भाजपा की उपाध्यक्ष हैं, जबकि सिंधिया की दूसरी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं और मौजूदा समय में शिवपुरी से विधायक हैं। ऐसे में भाजपा जिस तरह से राहुल गांधी और उनके परिवार पर निजी हमले करती थी। सिंधिया के अध्यक्ष बनने से भाजपा सिंधिया और उनके परिवार पर सीधा हमला नहीं बोल पाएगी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया विवादों से दूर रहते हैं, अभी तक ज्य़ोतिरादित्य सिंधिया का ऐसा कोई बयान सामने नहीं आया जिसके कारण से भाजपा उस बयान को आधार बना सके। वहीं, सिंधिया के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं है जिस कारण से भाजपा, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सिंधिया को घेर पाए।
सिंधिया के खिलाफ बोलने से बचते हैं भाजपा नेता
ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ बोलने से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी बचता है। मध्यप्रदेश में प्रभात झा और जयभान सिंह पवैया के अलावा कोई भी नेता सिंधिया पर सीधी हमला नहीं करता है। विधानसभा चुनाव के दौरान अमित शाह ने ग्वालियर में सभा की थी लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोलने की बजाए उन्होंने अपनी रैली में सिंधिया को श्रीमंत कहकर संबोधित किया था।
सोशल मीडिया में राहुल गांधी को ट्रोल किया जाता है। पर ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी रैलियों में संतुलित भाषण देते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की शैली भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। सिंधिया के दूसरी पार्टी के नेताओं से भी रिश्ते अच्छे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया को सोशल मीडिया में ट्रोल करना भी मुश्किल है। ऐसे में अगर सिंधिया अध्यक्ष बनते हैं तो सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा को कोई विशेष फायदा होता नहीं दिख रहा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया युवाओं की पसंद हैं। जानकारों का कहना है कि अगर इस समय कांग्रेस में कोई नेता है जो पीएम मोदी की लोकप्रियता को टक्कर दे सकता है तो वो केवल ज्योतिरादित्य सिंधिया ही हैं। सिंधिया के सामने आने पर भाजपा को कड़ी चुनौती मिल सकती है।
मध्यप्रदेश में भाजपा आज भी विजयाराजे सिंधिया के नाम पर सियासत करती है। अगर सिंधिया अध्यक्ष बनते हैं तो भाजपा को मध्यप्रदेश में सिंधिया के खिलाफ रणनीति बनाने में मशक्कत करनी पड़ेगी। लोकसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान के अलावा भाजपा को कोई भी बड़ा नेता गुना-शिवपुरी प्रचार के लिए नहीं पहुंचा था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया की आक्रमक शैली युवाओं की पसंद बनती जा रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने भाषणों में आक्रमक नजर आते हैं ऐसे में भाजपा को सिंधिया को घरने के लिए रणनीति बनानी पडे़गी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के अध्यक्ष बनने से सिंधिया के लिए भी मुश्किलें हो सकती हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा पर तो खुला हमला बोलते हैं लेकिन वो अपने चुनावी रैलियों में कभी भी अपनी बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया और यशोधरा राजे सिंधिया पर हमला नहीं करते हैं। ऐसे में सिंधिया के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।