मंदिर का हुआ भूमिपूजन
यहां बनने वाले मंदिर परिसर में दो सत्संग कक्ष होंगे, जिसमें 2 हजार से अधिक भक्त एक साथ बैठकर कीर्तन और सत्संग कर सकेंगे। इसी प्रकार 6 हजार वर्गफीट में अत्याधुनिक रसोईघर रहेगा, जिसमें एक लाख लोगों के लिए प्रसाद तैयार करने की व्यवस्था रहेगी। इसी प्रकार प्रसादम कक्ष में एक हजार भक्त एकसाथ बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे। इसी प्रकार 150 ब्रह्मचारियों के रहने के लिए ब्रह्मचारी आश्रम भी रहेगा।
वैदिक प्रदर्शनी के लिए ऑडिटोरियम, अतिथि कक्ष और एक गोविंदा रेस्टोरेंट रहेगा। इस्कॉन के अनुयायियों का कहना है कि इस मंदिर का मुख्य उद्देश्य भागवत गीता और श्रीमद भागवत के उपदेश नागरिकों को देना है। इसके लिए पहल की जाएगी, ताकि व्यक्ति के जीवन में कृष्ण भक्ति जागृत हो और जीवन में शांति, सुख, समृद्धि आए, ताकि एक आदर्श समाज की स्थापना हो सके।