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कई बार हमारा समय हमारे ऊपर विपरीत परिस्थितियां डालकर हमारी आज़माइश ले रहा होता है। इसके पीछे उसका उद्देश्य हमें कुछ नया सिखाने का होता है, ताकि भविष्य में हम उस परिस्थिति से निकलने का रास्ता खोज सकें। पर कई बार हम उस संदेश को उसके मूल सिद्धांत के अनुसार समझ नहीं पाते और अपने मार्ग से भटकते जातें हैं। अंतः हमारे हाथ निराशा आती है। ऐसी स्थितियों से निपटने में चाणक्य के सिद्धांत हमारे लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं।
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चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। ये बात भी सभी जानते हैं कि, चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। उनकी बोद्धिक क्षमता के आधार पर चलकर चंद्रगुप्त ने धर्ती के एक बड़े हिस्से पर विजय प्राप्त करके अखंण्ड भारत स्थापित किया था। उनकी कुटनीतिक क्षमताओं और बोद्धिक ज्ञान को लोग आज भी सफलता का मंत्र मानते हैं। उनकी अपनी अलग ही विचारधारा थी, जिसके आधार पर उन्होंने कई लेख, किताबें और नीतियां लिखीं, जिसपर चलकर लोग सफलता की चौटिंयों पर चढ़ते रहे हैं। आज हम चाणक्य की ऐसी ही कुछ खास नीतियों के बारे में जानेंगे, जिनके माध्यम से चाणक्य ने मनुष्य के समक्ष कभी हा ना मानने के कई उदाहरण दिये हैं। चाणक्य के मुताबिक, विजय प्राप्ति करना है तो हमें शेर से 1, बगुले से 1, मुर्गे से 4, कौवों से 5. और कुत्ते से यह 6 बाते सीखनी चाहिए…आइये जानते हैं उन खास बातों के बारे में…।
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चाणक्य नीति की ये बातें आएंगी आपके काम
-शेर की तरह ताकत झोंक दो
चाणक्य नीति के अनुसार, व्यक्ति को अपने लक्ष्य को पूरी ताकत और लगन के साथ हासिल करने का कार्य करना चाहिए। जिस तरह शेर अपना शिकार पकड़ता है वैसे ही इंसान को भी अपने काम पूरा करने से पहले हार नहीं माननी चाहिए। लेकिन अगर कोई इंसान अपनी ताकत नहीं लगा सकता उसे यह समझ लेना चाहिए कि उसका प्रयास विफल है। चाणक्य के अनुसार, हमें एक शेर से जीवन जीना सीखना चाहिए। शेर भले ही बड़े शिकार को पकड़ने के लिए लड़े या फिर किसी हिरन का पीछा करें वो किसी भी कार्य को करने में अपनी पूरी ताकत लगा देता है। ठीक वैसे ही हमें भी हर काम को पूर्ण करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोक देनी चाहिए, तभी हम लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
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-मुर्गे का अनुभव
चाणक्य के मुताबिक, हमें मुर्गे की जिंदगी का अनुभव कराती है जिस प्रकार मुर्गा सुबह सूर्य उदय से पहले उठ जाता है और अपने सभी लड़ाईयां वीरता से लड़ता है, ठीक उसी तरह से मनुष्य को भी सुबह सूर्योदय से पहले उठकर अपनी लड़ाइयों को मेहनत और वीरता के साथ लड़ना चाहिए और अपने परिवार के लिए भोजन जुटाना चाहिए।
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-कौवे सा कठौर ह्रदय आगे बढ़ने में देगा बल
चाणक्य नीति के अनुसार, अगली सीख हमें कौवे से लेनी चाहिए। इस पत्थर दिल दुनिया में आगे बढ़ने के लिए कठोर हृदय होना भी जरूरी है। कोई हमें लाख बुरा क्यों ना कहें हम सोच ले कि, हमें वही करना चाहिए जो हमें हमारा दिल कहे। वीरता का सबसे अच्छा उदाहरण “दशरथ मांझी” है जिसकी ढीठता पर बॉलीवुड में फिल्म भी बन चुकी है। कौवे का दूसरा गुण है छुप कर सौभत करना। तीसरी बात ये कि कौवा हमेशा चीजें इकट्ठी करने में यकीन रखता है, चौथी बात ये कि, वो हमेशा सावधान रहता है और पांचवी बात ये कि, कौवा कभी किसी पर भरोसा नहीं करता।
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-कुत्ते के गुण बना देंगे महान
चाणक्य के अनुसार, कुत्ता सबसे वफादार जानवर होता है। उसमें ऐसे कई गुण होते हैं, जिन्हें हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए। कुत्ते में सबसे पहला गुण ये है कि वो सबसे अधिक खाने की क्षमता रखता है परंतु दूसरा गुण उसका ये है कि वो थोड़ा सा खाकर भी खुश रह सकता है। कुत्ते का तीसरा गुण ये है कि वो गहरी नींद लेता फिर भी सतर्क रहता है। इसके इलावा कुत्ते का अगला गुण है वफादारी और अगला गुण है उसकी बहादुरी, कई लोगों को घर में कुत्ते पालने का शौक भी होता है। तो कुत्ते को घर में पालने के साथ साथ उसके इन गुणों को अपने जीवन में उतारना चाहिए।