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Income tax saving rules 2019 : इन लोगों को भरना होगा आयकर रिटर्न, 31 अगस्त के बाद चुकाना होगा जुर्माना

Income Tax Return last date – इन लोगों को भरना होगा Income tax return, 31 अगस्त के बाद चुकाना होगा जुर्माना

भोपालAug 22, 2019 / 09:47 am

Faiz

Income tax

Government expects 80 percent taxpayers to adopt new tax regime

भोपालः आयकर रिटर्न (ITR) भरने की समय-सीमा बहुत जल्द ही समाप्त होने वाली है। हर साल की तरह इस साल भी आप 31 अगस्त तक आयकर रिटर्न (ITR) फाइल कर सकते हैं। इसके बाद आपको आईटीआर (ITR) फाइल करने पर जुर्माना चुकाना पड़ेगा। बड़ा सवाल ये है कि, अब भी कई लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने को लेकर असमंजस में हैं। इनमें कई सवा हैं, जैसे किसके लिए आईटीआर फाइल करना जरूरी है? अगर आपको भी यही असमंजस है, तो आज हम आपकी इस समस्या का निराकरण कर रहे हैं। इसके बाद आपको समझ आ जाएगा कि, कोन व्यक्ति इनकम टेक्स रिटर्न फाइल करने के योग्य है और कोन नहीं।

 

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इन्हें ITR फाइल करना ज़रूरी

अगर आप जॉब में हैं तो कंपनियां और नियोक्ता अपने इम्पलॉई को फॉर्म 16 जारी कर चुकी होंगी। आम नौकरीपेशा व्यक्ति भी अपनी आमदनी, निवेश, टैक्स कटौती और PPF-EPF आदि से संबंधित दस्तावेज को संभालना शुरू कर देता है। अगर आपको नौकरी, कारोबार या पेशे से टैक्स छूट की सीमा से अधिक आमदनी होती है तो आपके लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना जरूरी होता है।

 

आयकर रिटर्न और इनकम टैक्स रिटर्न में अंतर

आयकर रिटर्न (ITR) भरने और इनकम टैक्स जमा करने में फर्क है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने का मतलब सरकार को अपनी आमदनी-निवेश और खर्च की जानकारी देना है. आयकर रिटर्न (ITR) भरने के बाद अगर आप पर टैक्स देनदारी बनती है तो आपको कर चुकाना पड़ता है।

 

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ITR भरना क्यों जरूरी?

कई लोगों को ज़हन में ये सवाल भी आता है कि, आखिर आयकर रिटर्न (ITR) भरना क्यों जरूरी है? सबसे पहले तो अगर आप भारत के नागरिक हैं या प्रवासी भारतीय हैं और आपकी किसी एक वित्त वर्ष में कुल सालाना आय 2,50,000 रुपये से ज्यादा है तो आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर या ITR) भरना जरूरी है। वास्तव में देश के हर टेक्स स्लेब में आने वाले हर योग्य नागरिक को आयकर रिटर्न आईटीआर दाखिल करना चाहिए। अब डिजिटल इंडिया के इस ज़माने में थोड़ी सी लापरवाही के कारण आपको आयकर विभाग का नोटिस मिल सकता है।


इन्हें नहीं चुकाना आयकर रिटर्न

किसी एक वित्त वर्ष में अगर आपकी कुल आमदनी सिर्फ कृषि और उससे जुड़े कार्य से होती है तो आपको आईटीआर (ITR) भरने की जरूरत नहीं है। साथ ही, अगर आपकी कुल सालाना आमदनी 2.5 लाख रुपये से कम है तब भी आपके लिए आईटीआर (ITR) भरना जरूरी नहीं है। इसके अलावा, अगर आप नौकरी या कारोबार करते हैं और आपकी कुल सालाना आमदनी 2.5 लाख रुपये से कम है, तब भी आप आईटीआर (ITR) फाइल कर सकते हैं।

 

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आयकर रिटर्न के फायदे

आयकर रिटर्न (ITR) भरने के कई फायदे हैं। अगर आप प्रदेश ही नहीं देश से बाहर नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, तो आपके पास पिछले तीन साल का आईटीआर (ITR) होना चाहिए। वीजा के लिए आवेदन तभी स्वीकार किए जाते हैं। इसके अलावा लोन लेते समय भी इसकी जरूरत होती है। आपका आईटीआर (ITR) वास्तव में ये बताता है कि आपकी आय पिछले सालों में कितनी रही है और कर्ज चुकाने के मामले में आपकी क्या स्थिति है। अगर आपकी कुल सालाना आमदनी निर्धारित सीमा से कम है तब भी निल (जीरो) रिटर्न भर देने में कोई हर्ज नहीं है। इससे आयकर विभाग की नजर में आपका रिकॉर्ड बेहतर बना रहता है। निल रिटर्न अब तो सामान्य आयकर रिटर्न (ITR) की तरह ही इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भरा जा सकता है, जिसकी पूरी जानकारी आपको आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर यहां क्लिक करके मिल सकती है।

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