सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत हाउसिंग बोर्ड में अशोका गार्डन समेत अन्य कॉलोनी के कुछ प्लॉट्स को लेकर आवंटन की फाइलें मांगी गई तो यहां से पत्र नहीं मिलने का जवाब मिला। यानी प्लॉट भूखंड आवंटन से जुड़े दस्तावेज मिल ही नहीं पा रहे हैं। सतीश नायक ने आवंटन पत्र मांगे थे। अशोका गार्डन के ही प्लॉट नंबर 10ए, 180बी को लेकर जानकारी मांगी थी। उन्हें बताया गया कि, ये बोर्ड को नहीं प्राप्त हो रहे हैं। बोर्ड की तकनीकी शाखा के एके शर्मा का कहना है कि, उन्हें जो जानकारी मिली है वो दे दी हैं। अधिकारियों ने थाने में एफआईआर कराने के लिए भी पत्र लिखे हैं।
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1000 प्लॉट्स के आवंटन पत्रों की तलाश
आवेदन पत्रों को लेकर जब पड़ताल की गई तो पता चला करीब 1000 प्लॉट्स के आवंटन पत्र नहीं हैं। जिन प्लॉट्स के आवेदन पत्र नहीं मिल पा रहे हैं, उनमें से अधिकतर प्लॉट हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनियों में कॉर्नर, किसी नाले, उबड़ खाबड़ जमीन से लगे हुए हैं। शिकायतकर्ता सतीश नायक का कहना है कि, ये प्लॉट मिलीभगत से दे दिए गए हैं। मामले की जांच हो तो गड़बड़ियां सामने आ जाएंगी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
मामले को लेकर मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष आशुतोष तिवारी का कहना है कि, बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जे या फर्जीवाड़ा बिल्कुल सहन नहीं होगा। हमने इनकी पूरी जानकारी निकाल कर कार्रवाई करने के लिए कहा है।
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