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विदेश से मंगाती थी लिपस्टिक : श्वेता को लग्जरी कारों, ब्रॉन्डेड कपड़ों, कॉस्मेटिक का बेहद शौक है। पड़ोसी महिलाओं ने बताया कि श्वेता विदेश से लिपस्टिक मंगाती थी। एक पूर्व मंत्री के साथ जब वह नेपाल गई थी तो वहां से कपड़े, घडिय़ां खरीद कर लाई थी।
पड़ोसियों का कहना कि वह खुद को फैक्ट्री की संचालक बताती थी, जबकि पति को प्रॉपर्टी डीलर। फेसबुक प्रोफाइल में भी यही दर्ज है। बताया जा रहा है कि कि बंगरसिया की एक फैक्ट्री में उसने निवेश कर रखा है। गिरोह में युवतियों को शामिल करने श्वेता एनजीओ में नौकरी का झांसा देती थी। इसके बाद हाईप्रोफाइल लोगों से मिलाती। जाल में फंसने के बाद युवतियां श्वेता द्वारा दिए गए टारगेट को हर हाल में पूरा करती थीं।
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इन चार चेहरों के सहारे भोपाल से दिल्ली तक कारगुजारी
श्वेता स्वप्निल जैन
श्वेता स्वप्निल जैन की मिनाल निवासी श्वेता विजय जैन की चार साल पहले मंत्रालय में दोस्ती हुई। दोनों एनजीओ को फंड दिलाने एक आईएएस के केबिन में मिलीं थीं। इन्होंने तीन साल में 15 रसूखदारों को ब्लैकमेल किया। मुंबई, जयपुर में प्रॉपर्टी बनाई।
बरखा भटनागर सोनी
कांग्रेस नेताओं से अच्छे संबंध। श्वेता विजय जैन से दोस्ती हुई तो उसने कई युवतियों से मिलाया। कांग्रेस नेताओं, अफसरों को फंसाने में श्वेता का सहयोग करने लगी। श्वेता इसे फंडिंग करती है। अधिकारी समेत पांच नेताओं को जाल में फंसाया।
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मोनिका यादव
बीएससी की इस छात्रा से छह माह पहले आरती दयाल की पहचान हुई। आरती ने उसे रसूखदारों के पास भेजा। अपने फ्लैट में रखा। आरती से जुडऩे के बाद से कॉलेज नहीं गई। आरती ने उसे महंगे शौक, नशे का आदी बना दिया। 15 लोगों को शिकार बनाया।
आरती दयाल
भाजपा के एक कद्दावर नेता के जरिए श्वेता से मिली। श्वेता ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इसके एनजीओ को फंड दिलाने में मदद कर गिरोह में शामिल किया। दो आईएएस को ब्लैकमेल किया। हाल ही में अयोध्या बायपास पर करीब 40 लाख रुपए कीमती फ्लैट खरीदा। देर रात नशे में घर पहुंचती थी। 10 लोगों को अपने जाल में फंसाया।
एफआईआर कराने वाले अफसर के राज खोले
पुलिस की पूछताछ के दौरान रिपोर्ट लिखाने वाले अफसर को भी आरती व मोनिका ने कठघरे में खड़ा कर दिया। दावा है कि अफसर चार युवतियों से संबंध बना चुके हैं। भोपाल की युवती से 6 साल से उनके संबंध हैं। अफसर के संपर्कों के कारण यह युवती धार-इंदौर में कई ठेके ले चुकी है। सामान सप्लाय का काम भी मिल रहा था। उक्त युवती के भाई को ठेके दिलाए गए और बिल भुगतान में मदद की गई।
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बरखा ने खरीद लिया था एनजीओ, पति अमित सरकारी काम लेता था
हनीट्रैप मामले की आरोपी और कांग्रेस की पूर्व पदाधिकारी बरखा भटनागर सोनी ने सरकारी विभागों से काम लेने एनजीओ खरीदा था। इस समर्थ सामाजिक सेवा संस्था की बरखा अध्यक्ष है तो पति अमित सोनी पदाधिकारी। कांग्रेस सरकार बनने के बाद अमित ने एनजीओ का कई विभागों में पंजीयन व इंपैनलमेंट करवाया। मप्र जल निगम व पीएचई में भी ये दंपती एनजीओ का इंपैनलमेंट करवाने की तैयारी में थे।
जल निगम योजनाओं के प्रचार-प्रसार और जागरुकता संबंधी काम देता है। दंपती ने मप्र एग्रो इंडस्ट्रीज और मंडीदीप में भी कई काम हासिल किए। सूत्रों के अनुसार एक टेलीकॉम कंपनी से सीएसआर के तहत भी फंड हासिल किया। कंपनी पर दबाव और प्रभाव का इस्तेमाल कर मोटी रकम लेकर काम किया गया। यहां से मिली रकम और काम के बाद ही बरखा ने कार खरीदी थी।
दिल्ली के तीन नामी डॉक्टरों से भी कर चुकी हैं वसूली
आरोपी महिलाओं ने दिल्ली के तीन बड़े डॉक्टरों को भी जाल में फंसाया था। आरती व मोनिका ने बताया कि इन डॉक्टरों के वीडियो बनाकर लाखों की वसूली की। इनके वीडियो बरामद करने के प्रयास जारी हैं। ठेके के साथ ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए कई बार नेता व अफसरों से संबंध बनाए। पुलिस को कई लोगों के वीडियो के साथ वॉइस रेकॉर्डिंग भी मिली है। हालांकि ये जानकारी देने में आनकानी कर रही हैं।
नेता-अफसरों से नजदीकी, ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल
इंदौर एसएसपी रुचिवर्धन के मुताबिक आरोपी महिलाएं कभी खुद को घरेलू काम करने वाली बताती हैं तो कभी ट्रांसफर पोस्टिंग के कारण अफसर-नेताओं से नजदीकी बताती हैं। लाइजनिंग के लिए वे हर हथकंडा अपना रही थीं। इनमें से एक वर्ग संबंध बनाने से नहीं झिझकता था तो दूसरा इसके वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करता था। महिलाओं ने कबूला कि वे ट्रांसफर पोस्टिंग से भी अब तक लाखों कमा चुकी हैं।