यह उस साल देश में दर्ज कुल 18,714 मामलों का 39.64 प्रतिशत है। 2015 में बुजुर्गों के खिलाफ 20,532 मामले दर्ज हुए। इनमें से 39.04 प्रतिशत देश के इन दो बड़े राज्यों में दर्ज किए गए। अपराध का यह आंकड़ा वर्ष 2016 में और बढ़ गया। 2016 में देश में दर्ज कुल 21,410 मामलों में से 40.03 प्रतिशत महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए। 2016 में दोनों राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ कुल 8,571 आपराधिक मामले दर्ज हुए।
खराब हालात….
राज्य – 2014 – 2015 – 2016
महाराष्ट्र – 3,981 – 4,561 – 4,694
मध्यप्रदेश – 3,438 – 3,456 – 3,877
दिल्ली – 1,021 – 1,248 – 685
यहां भी हाल बुरा
मप्र के बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश व तेलंगानाजम्मू-कश्मीर में बुजुर्ग सुरक्षित। जम्मू-कश्मीर में 2014 और 2016 के बीच बुजुर्गों से जुड़े अपराध का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।
मप्र : पुलिस नहीं जानती शहर में कितने बुजुर्ग
24 जून 2014 को पुलिस मुख्यालय ने वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए शहरी क्षेत्र के थानों में सुरक्षा सेल गठित करने आदेश दिया। शुरूआत में हर थाने स्तर पर काम हुआ। इसके बाद पुलिस ने काम ही बंद कर दिया। अब सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। पुलिस अधिकारियों को नहीं पता कि इस सेल का जिम्मा किसके पास है? शहर में कितने बुजुर्ग हैं, इसकी जानकारी ही नहीं है।
राजधानी भोपाल को दहलाने वाले मामले
जून 2017 : पिपलानी में बीएमएचआरसी के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी राय मधुकर सहाय पर जानलेवा हमला कर नौकर 20 लाख के गहने लूट ले गया। पुलिस ने उसे बिहार से गिरफ्तार किया।
9 मार्च 2018 : अवधपुरी इलाके के नर्मदा वैली कवर्ड कैंपस कॉलोनी में रह रहे एयरफोर्स से रिटायर्ड वारंट ऑफिसर जीके नायर और उनकी पत्नी की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी गई।